अमेरिका और चीन के बीच का टैरिफ वॉर खुलकर सामने आ चुका है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार अपने दांव बदल रहे हैं. चीन भी पीछे से ही सही लेकिन बराबर की टक्कर दे रहा है. बुधवार को ट्रंप ने चीन से अमेरिका आयात किए जाने वाले प्रोडक्ट पर टैरिफ की सीमा बढ़ाकर 125 परसेंट कर दी. इससे पहले ट्रंप चीन पर 104 परसेंट टैरिफ लगा रहे थे.
ट्रंप ने ये फैसला तब किया जब चीन ने अमेरिका से इंपोर्ट किए जाने वाले प्रोडक्ट पर 84 फीसदी टैरिफ लगा दिया था.
बता दें कि टैरिफ लगाने के बाद एक प्रोडक्ट की कीमत बढ़ जाती है. ट्रंप ने चीन पर 125 फीसदी टैरिफ लगाया है. इसका मतलब यह है कि अब जो भी अमेरिकी बिजनेसमैन चीन से सामान मंगाएंगे उसकी कीमत में 125 फीसदी का इजाफा हो जाएगा. अगर चीन में बना एक सामान अमेरिकी बिजनेसमैन को पहले 1 लाख रुपये में मिलता था तो अब टैरिफ लगाने के बाद उसकी कीमत 2.25 लाख रुपये हो जाएगी.
इससे इस प्रोडक्ट की कीमत अमेरिकी बाजार में काफी बढ़ जाएगी. इसका नतीजा ये हो सकता है कि लोग इस सामान का अमेरिकी या कोई और सस्ता विकल्प खरीदने पर मजबूर होंगे.
इसी तरह चीन का अमेरिकी प्रोडक्ट पर 84 फीसदी टैरिफ लगाने का मतलब यह है कि अब चीनी कंपनियों को अमेरिका में उत्पादित वस्तुओं को खरीदने के लिए 84 फीसदी अधिक भुगतान करना होगा. यानी कि जो अमेरिकी सामान चीनी व्यापारी पहले 1 लाख में मंगाते थे इसके लिए उन्हें अब 1.84 लाख रुपये देना होगा.
अमेरिका और चीन के बीच का व्यापार कितना है?
2023 में चीन अमेरिकी वस्तुओं के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक था. यूएस-चीन व्यापार परिषद के आधार पर अमेरिका ने इस वर्ष के दौरान चीन को $145 बिलियन का माल निर्यात किया.
सीबीएस न्यूज के अनुसार 2022 में चीन को बेचे जाने वाले उत्पादों विशेष रूप से कृषि और पशुधन से लगभग 931000 अमेरिकी नागरिकों को नौकरियां मिल रही थी.
चीन अमेरिका से कौन से उत्पाद आयात करता है?
चीन अमेरिका से कई तरह के उत्पाद खरीदता है. इनमें सबसे प्रमुख हैं.
एयरोस्पेस उत्पाद और पुर्जे: $6.8 बिलियन
मूलभूत रसायन: $6.5 बिलियन
कोयला और पेट्रोलियम गैस: $1.1 बिलियन
संचार और सेवा उद्योग मशीनरी: $1.3 बिलियन
कंप्यूटर उपकरण: $1.8 बिलियन
विद्युत उपकरण: $1.3 बिलियन
विद्युत उपकरण और सामान: $1.7 बिलियन
इंजन और टर्बाइन: $1.4 बिलियन
फल और सूखे मेवे: $1.1 बिलियन
सामान्य प्रयोजन मशीनरी: $2.6 बिलियन
औद्योगिक मशीनरी: $5 बिलियन
समुद्री उत्पाद: $1 बिलियन
मांस उत्पाद: $4.5 बिलियन
चिकित्सा उपकरण और आपूर्ति: $3.6 बिलियन
विविध फसलें: $2.4 बिलियन
विविध निर्मित धातु उत्पाद: $1.6 बिलियन
विविध निर्मित वस्तुएं: $2.1 बिलियन
मोटर वाहन पुर्जे: $1.7 बिलियन
मोटर वाहन: $6.1 बिलियन
नेविगेशनल और मापन उपकरण: $6.8 बिलियन
अलौह धातु उत्पाद: $1.8 बिलियन
तेल और गैस: $17.6 बिलियन
तिलहन और अनाज: $18.5 बिलियन
अन्य: $15.9 बिलियन
फार्मास्युटिकल उत्पाद और दवाएं:$11.3 बिलियन
प्लास्टिक उत्पाद: $1.4 बिलियन
लुगदी और पेपरबोर्ड मिल उत्पाद: $2.1 बिलियन
रेजिन और सिंथेटिक फाइबर: $5.5 बिलियन
स्क्रैप उत्पाद: $2.4 बिलियन
अर्धचालक वस्तुए: $6.8 बिलियन
साबुन, सफाई एजेंट: $1.3 बिलियन
चीन अमेरिका को क्या क्या बेचता है?
चीन अमेरिका को कई तरह के सामान बेचता है, क्योंकि वह अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देशों में से एक है. मुख्य रूप से, चीन से अमेरिका को निर्यात होने वाले उत्पादों में शामिल हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स: स्मार्टफोन, कंप्यूटर, टेलीविजन, और अन्य उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक सामान
मशीनरी: औद्योगिक मशीनें, उपकरण, और यांत्रिक पार्ट्स
कपड़े और टेक्सटाइल: कपड़े, जूते, और अन्य वस्त्र उत्पाद
खिलौने और खेल का सामान: बच्चों के खिलौने, गेमिंग उपकरण, और खेल से संबंधित उत्पाद
फर्नीचर: बेड, सोफा, टेबल, और अन्य घरेलू फर्नीचर
प्लास्टिक और रबर उत्पाद: रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएं जैसे कंटेनर, पैकेजिंग सामग्री आदि
ऑटोमोबाइल पार्ट्स: वाहनों के लिए कलपुर्जे और सहायक उपकरण
2023 के आंकड़ों के अनुसार, चीन से अमेरिका को होने वाला कुल निर्यात लगभग 500 अरब डॉलर से अधिक का था. ये उत्पाद सस्ती कीमत और बड़े पैमाने पर उत्पादन की वजह से अमेरिकी बाजार में लोकप्रिय हैं.
अब समझिए कि अमेरिका के कौन से राज्य चीन को सबसे ज्यादा निर्यात करते हैं
इसमें टेक्सास का नंबर सबसे आगे है जो चीन को $25.7 बिलियन निर्यात करता है.
दूसरे नंबर पर कैलिफोर्निया है जो $16.4 बिलियन का एक्सपोर्ट करता है.
लूइजियाना $6.5 बिलियन का निर्यात चीन को करता है.
दक्षिण कैरोलिना से चीन को कुल निर्यात $3.9 बिलियन है.
अमेरिका का कदम क्यों मायने रखता है
अगर उच्च टैरिफ लागू रहे तो चीनी कंपनियों को सस्ते विकल्पों के लिए दुनिया में अन्य बाजार तलाशने पड़ सकते हैं. इससे अंततः अमेरिकी व्यवसायों को नुकसान होगा-विशेष रूप से किसानों और निर्माताओं को जो चीन को सामान बेचने पर निर्भर हैं. ट्रंप की इस पॉलिसी की वजह से ऊपर दिए गए सामानों को खरीदना चीन के व्यापारियों / कंपनियों को काफी महंगा पड़ेगा. अगर ये कंपनियां अमेरिका से महंगे दामों में ये सामान खरीद भी लेती हैं तो चीन के बाजार में इसकी कीमत काफी बढ़ जाएगी.