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लूला डा सिल्वा vs बोलसोनारो... क्या ब्राजील में तख्तापलट और हाउस अरेस्ट वाली ताजा लड़ाई के पीछे ट्रंप हैं?

ब्राजील में पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो का मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. देश के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर दिया है. इस फैसले के बाद अमेरिका ने नाराजगी जताई है. बोलसोनारो के खिलाफ मुकदमे को लेकर ही ट्रंप ने ब्राजील पर 50% का टैरिफ लगा दिया है.

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ब्राजील में पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो को लेकर ट्रंप लूला डा सिल्वा सरकार से भिड़ गए हैं (Photo: Reuters)
ब्राजील में पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो को लेकर ट्रंप लूला डा सिल्वा सरकार से भिड़ गए हैं (Photo: Reuters)

ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो को सोमवार को नजरबंद कर दिया है. बोलसोनारो पर कथित तख्तापलट की साजिश का मुकदमा चल रहा है और इसी बीच उनके खिलाफ कोर्ट का फैसला आया है. वामपंथी राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा की सरकार में बोलसोनारो पर ब्राजील में हो रही कार्रवाई से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नाराज हैं और इसी क्रम में उन्होंने ब्राजील पर 50% का टैरिफ लगा दिया है और प्रतिबंधों की धमकी दे रहे हैं. ट्रंप की धमकी के बीच ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला देकर बताने की कोशिश की है कि वो ट्रंप की धमकियों से नहीं डरता.

ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के जज एलेक्जेंडर डी मोरेस ने बोलसोनारो के खिलाफ हाउस अरेस्ट का आदेश जारी किया. ये वही जज हैं जिन्हें पिछले हफ्ते अमेरिकी ट्रेजरी ने प्रतिबंधित कर दिया था और उनकी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया था. फैसले में जज ने कहा कि बोलसोनारो कोर्ट के उस आदेश को मानने में नाकाम रहे हैं जिसमें उन्हें कहा गया था कि वो इस मामले में ट्रंप के हस्तक्षेप को दूर रखें. 

मोरेस का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो ने बार-बार कोर्ट के आदेश को दरकिनार करने की कोशिश की है. उन्होंने अपने फैसले में लिखा, 'न्याय अंधा है, लेकिन मूर्खतापूर्ण नहीं.'

बोलसोनारो पर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चल रहा है, जिसमें उन पर तख्तापलट की कोशिश का आरोप है. बोलसोनारो पर आरोप है कि उन्होंने 2022 के चुनाव में वामपंथी राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा से मिली हार को पलटने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश रची थी.

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जनवरी 2023 में बोलसोनारो हजारों समर्थकों के साथ सरकारी इमारतों पर चढ़ गए थे. इस दौरान हुए दंगों ने राजधानी ब्रासीलिया को हिलाकर रख दिया था. इसी मामले में बोलसोनारो ट्रायल का सामना कर रहे हैं.

कैपिटल हिल दंगों से हुई थी ब्राजील के दंगों की तुलना

ब्राजील में हुए दंगों की तुलना ट्रंप की 2020 की चुनावी हार के बाद यूएस कैपिटल में 6 जनवरी, 2021 को हुए दंगों से की गई. हालांकि, इन दंगों को लेकर ट्रंप के खिलाफ जो आपराधिक मामले शुरू हुए, वो अभी भी रुके हुए हैं और इस बीच वो दोबारा राष्ट्रपति चुनकर भी आ गए हैं लेकिन बोलसोनारो के मामले में ऐसा नहीं हुआ बल्कि वो अब हाउस अरेस्ट कर लिए गए हैं.

बोलसोनारो पर इस मुकदमे को लेकर ट्रंप बेहद नाराज हैं और उनका कहना है कि यह मामला 'Witch Hunt' यानी राजनीति से प्रेरित गलत आरोप लगाकर बोलसोनारो को बदनाम करने की साजिश है.

ट्रंप का कहना है कि बोलसोनारो मामले को लेकर वो ब्राजील पर 50% का टैरिफ लगाएंगे जो कि 6 अगस्त यानी इसी हफ्ते, बुधवार से लागू होगा. ट्रंप लगातार धमकी दे रहे हैं कि ब्राजील अगर बोलसोनारो के खिलाफ मामला खत्म नहीं करता तो वो उसके खिलाफ और प्रतिबंध लगाएंगे.

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बोलसोनारो के हाउस अरेस्ट को लेकर क्या बोला अमेरिका?

बोलसोनारो का हाउस अरेस्ट को लेकर अमेरिका की प्रतिक्रिया आई है. अमेरिकी विदेश विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के जज मोरेस के आदेश की आलोचना करते हुए कहा है कि जज विपक्ष को चुप कराने और लोकतंत्र को खतरे में डालने के लिए ब्राजील के संस्थानों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका इस तरह का व्यवहार करने वाले लोगों की मदद करने और उसे बढ़ावा देने वाले लोगों को जवाबदेह ठहराएगा. ट्रंप का कहना है कि अमेरिका ब्राजील पर और अधिक टैरिफ लगा सकता है, हालांकि, इस संबंध में उन्होंने और अधिक जानकारी नहीं दी.

बोलसोनारो पर लगा दिए गए हैं ये प्रतिबंध

सोमवार को दिए आदेश के मुताबिक, बोलसोनारो अपने वकीलों और अदालत की तरफ से अधिकृत लोगों के अलावा किसी और से नहीं मिल सकते, वो फोन का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते हैं. बोलसोनारो के एक प्रेस प्रतिनिधि ने बताया कि उन्हें सोमवार शाम को ब्रासीलिया स्थित उनके आवास पर पुलिस ने नजरबंद कर दिया और उनका मोबाइल फोन जब्त कर लिया.

बोलसोनारो के वकीलों ने एक बयान में कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे, उनका तर्क है कि पूर्व राष्ट्रपति ने किसी भी अदालती आदेश का उल्लंघन नहीं किया है.

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पिछले महीने रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में बोलसोनारो ने मोरेस को 'तानाशाह' बताते हुए कहा था कि उनके खिलाफ जो प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, वो कायरतापूर्ण हैं.

बोलसोनारो को बचाने की कोशिश में क्या उनकी मुश्किलें और बढ़ा रहे हैं ट्रंप?

ट्रंप और बोलसोनारो अच्छे दोस्त रहे हैं. ट्रंप के पहले कार्यकाल (2017-2021) के दौरान बोलसोनारो ने ब्राजील का राष्ट्रपति रहते हुए व्हाइट हाउस में उनसे मुलाकात की थी. बोलसोनारो के साथ दोस्ती और वामपंथी राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा के साथ अनबन की वजह से ट्रंप ब्राजील पर टैरिफ की कार्रवाई कर रहे हैं.

लेकिन बोलसोनारो के ही कुछ सहयोगियों को चिंता है कि ट्रंप की रणनीति ब्राजील में उल्टी पड़ सकती है, जिससे बोलसोनारो के लिए परेशानी बढ़ सकती है. उनका मानना है कि इससे लूला की वामपंथी सरकार के पीछे जनता का समर्थन बढ़ सकता है.

हालांकि, रविवार को बोलसोनारो के समर्थकों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जो दिखाता है कि मोरेस के खिलाफ ट्रंप के हमलों ने बोलसोनारो के धुर-दक्षिणपंथी आधार को मजबूती दी है.

बोलसोनारो मामले को लेकर क्या बोले एक्सपर्ट्स

फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ पराना में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर ग्रेजिएला टेस्टा ने कहा कि गिरफ्तारी से ट्रंप को ब्राजील के खिलाफ अतिरिक्त कदम उठाने का बहाना मिल सकता है, उन्होंने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि बोलसोनारो जानबूझकर तनाव बढ़ाने के लिए उकसा रहे हैं.

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ब्रासीलिया स्थित पॉलिटिकल रिस्क कंसल्टेंसी थिंक पॉलिसी कंपनी के साझेदार लियोनार्डो बैरेटो ने पिछले हफ्ते मोरेस पर अमेरिका की तरफ से लगाई गई संपत्ति फ्रीज का जिक्र करते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि मामला बढ़ सकता है, क्योंकि अमेरिका ने मोरेस के खिलाफ प्रतिबंध लगाया है और फिर मोरेस ने यह फैसला दिया है.' 

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