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'कातिलों को मौत की सजा दी जाए...', बांग्लादेश में हिंदू युवक की लिंचिंग पर आजतक से बातचीत में बोला परिवार

बांग्लादेश के कथित ईशनिंदा के आरोप में 25 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग के बाद देशभर में आक्रोश है. आजतक से खास बातचीत में दीपू के भाई अपू दास ने दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की है और कहा कि उनका परिवार सिर्फ इंसाफ चाहता है.

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दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद उनके शव को जला दिया गया था. (Photo- Screengrab)
दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद उनके शव को जला दिया गया था. (Photo- Screengrab)

बांग्लादेश के मयमनसिंह शहर में कथित ईशनिंदा के आरोप में 25 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस घटना ने न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है.

आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में मृतक के भाई अपू दास ने दर्द भरे शब्दों में इंसाफ की मांग की. अपू दास ने कहा, "हम सिर्फ न्याय चाहते हैं. जो भी लोग इसमें शामिल थे, उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए. लोग आ-जा रहे हैं, लेकिन मेरा भाई वापस नहीं आएगा."

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कथित ईशनिंदा के आरोपों पर दीपू के भाई ने कहा, "वे झूठे हैं. दावा किया गया कि उसने कंपनी के अंदर कुछ गलत कहा, लेकिन हम एक सेकंड के लिए भी इस पर विश्वास नहीं करते. मेरा भाई ऐसा इंसान नहीं था जो ऐसा कुछ करेगा.

अपू ने बताया कि दीपू जिस जगह घटना हुई, उससे करीब 60 किलोमीटर दूर अपने कान पर था. उन्होंने बताया, "वह मयमनसिंह में एक फैक्ट्री में काम करता था. अचानक उस पर आरोप लगाए गए और हालात हाथ से निकल गए." उन्होंने यह भी कहा कि अब स्थानीय प्रशासन जांच में सहयोग कर रहा है.

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दीपू चंद्र दास मयमनसिंह के स्क्वायर मास्टरबाड़ी इलाके में स्थित पायनियर निट कॉम्पोजिट फैक्ट्री में काम करता था. बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फैक्ट्री परिसर में कथित ईशनिंदा के आरोप तेजी से फैल गए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया.

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चश्मदीदों के अनुसार, आरोप लगते ही गुस्साई भीड़ ने दीपू को घेर लिया और बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया. हमले की गंभीरता इतनी ज्यादा थी कि दीपू की मौके पर ही मौत हो गई. मौत के बाद दीपू दास को पेड़ से लटकाकर उसके शव को वहीं आग लगी दी गई. इस दौरान यहां भारी भीड़ इकट्ठा थी.

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