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भारत पर अब क्यों भड़की बांग्लादेश की नई सरकार, कहा- स्वीकार नहीं करेंगे

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के आने से भारत-बांग्लादेश रिश्ते खराब दौर से गुजर रहे हैं. रिश्तों को लेकर बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय के सलाहकार ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि सीमा पर हो रहीं 'हत्याएं' दोनों देशों के अच्छे संबंधों में एक बड़ी बाधा है.

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भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ के जवान (Photo- Reuters)
भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ के जवान (Photo- Reuters)

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार आए दिन भारत पर कोई न कोई आरोप लगा रही है. शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ काफी बढ़ गई है जिसे रोकने के लिए आए दिन सीमा पर झड़प देखने को मिल रही है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सीमा पर घुसपैठ की समस्या को अनेदखा करते हुए एक बार फिर भारत को घेरने को कोशिश की है. सोमवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन कहा कि सीमा पर होने वालीं हत्याएं बांग्लादेश और भारत के बीच बेहतर संबंधों को बढ़ावा देने में बाधा बनी हुई हैं.

विदेश मंत्रालय में पत्रकारों के सवालों के जवाब में तौहीद हुसैन ने कहा, 'हम निश्चित रूप से भारत के साथ समानता पर आधारित अच्छे संबंध चाहते हैं. यह (द्विपक्षीय संबंध) दोतरफा होना चाहिए, एकतरफा नहीं... सीमा पर हत्याएं दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों में बाधा हैं.'

बांग्लादेश मीडिया की रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि रविवार सुबह ठाकुरगांव के बलियाडांगी उपजिला में कांतिविता सीमा पर बीएसएफ ने 14 साल के एक किशोर की हत्या कर दी. किशोर अवैध तरीके से भारत की सीमा में घुसने की कोशिश में था और कथित तौर पर सीमा की तार वाली बाड़ को काटने की कोशिश कर रहा था. इसी दौरान कथित तौर पर बीएसएफ ने उसे गोली मार दी. 

क्या भारत के समक्ष विरोध दर्ज करेगा बांग्लादेश?

बांग्लादेश विदेश मंत्रालय के अंतरिम सलाहकार की टिप्पणी कथित तौर पर बीएसएफ द्वारा बांग्लादेशी किशोर की हत्या को लेकर आई है.

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जब तौहीद हुसैन से पत्रकारों ने पूछा कि क्या विदेश मंत्रालय इसे लेकर भारत के समक्ष औपचारिक विरोध दर्ज कराएगा, सलाहकार ने कहा कि मंत्रालय बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) से घटना की पुष्टि होने के बाद ही आगे कोई कार्रवाई करेगा.

इससे पहले, 5 सितंबर को बांग्लादेश ने भारत से सीमा पर हुई सभी हत्याओं की जांच करने, जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन्हें जवाबदेह ठहराने का अनुरोध किया था. 

'भारत-बांग्लादेश के 'स्वर्णिम दौर' में भी जारी थीं हत्याएं'

बांग्लादेश के मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सलीश केंद्र (ASK) का आरोप है कि 2023 में BSF ने 31 बांग्लादेशियों को मारा है, जिनमें से 28 की मौत गोली लगने से हुई थी.

इस आंकड़ों का जिक्र करते हुए हुसैन ने कहा, 'ऐसी हत्याएं तब भी हुईं जब भारत-बांग्लादेश के रिश्ते को स्वर्णिम अध्याय बताया गया था. अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं आया है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है.'

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देशों के बीच अच्छे संबंध सिर्फ सरकार-से-सरकार के संबंधों तक सीमित नहीं हैं बल्कि दोनों देशों के लिए एक-दूसरे देशों के लोग क्या सोचते हैं, यह इस पर भी निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध सीमा पर हो रही हत्याओं से प्रभावित हैं.

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बीएसएफ की बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा बल बीजेबी से घुसपैठ रोकने की मांग

पिछले हफ्ते शुक्रवार को बीएसएफ ने बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश से मांग की थी कि वो अपने देश के लोगों को अवैध तरीके से भारत आने से रोके. बीएसएफ ने कहा था कि सीमा पर रहने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वो सीमा की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.

बीएसएफ की इस मांग के बावजूद बांग्लादेश से घुसपैठ जारी है जिसे रोकने के लिए बीएसएफ जरूरी कदम उठा रही है.

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