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Russia Ukraine War: रूस से डरा US! दूसरे महादेशों तक मार करने वाले बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया रद्द

फरवरी में रूस ने अपने परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया था. इसके बाद पेंटागन ने यह घोषणा की कि वह LGM-30G Minuteman III मिसाइल के परीक्षण को देरी से करेगा.

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बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण (फाइल फोटो)
बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कहा- गलत सूचनाओं को रोकने के लिए उठाया कदम
  • अमेरिकी सेना ने कहा- साल में अंत में करेंगे परीक्षण

यूएस ने यूक्रेन में चल रहे सैन्य संघर्ष के बीच रूस के साथ परमाणु तनाव को कम करने के लिए अपनी Minuteman III अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) के परीक्षण को रद्द कर दिया है. अमेरिकी वायु सेना ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी. वायु सेना के प्रवक्ता एन स्टेफनेक ने कहा, "वायु सेना विभाग ने LGM-30G Minuteman III मिसाइल का नियमित रूप से नियोजित परीक्षण को रद्द कर दिया है. 

साल के अंत में किया जाएगा परीक्षण

अमेरिकी वायु सेना के प्रवक्ता ने अपने बयान में आगे कहा कि यूक्रेन के चल रहे रूसी आक्रमण के दौरान रूस के साथ गलत जानकारियों के प्रसार से बचने के लिए एहतियात के तौर पर परीक्षण को रोक दिया गया है."  स्टेफनेक ने कहा, "अब हम इस बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण इस साल के अंत में करेंगे." सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फरवरी में  परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया था, जिसके बाद वाशिंगटन को संभावित परमाणु संकट से निपटने के लिए कहा गया था.

रूस चार बार दे चुका है परमाणु हमले की धमकी

रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कह चुके हैं कि अगर रूस के अस्तित्व पर खतरा मंडराया तो रूस एटमी वॉर से परहेज नहीं करेगा. रूस करीब डेढ महीने में चार बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने की धमकी दे चुका है. सबसे पहले पुतिन ने न्यूक्लियर डिटरेंस फोर्स को अलर्ट किया था. फिर क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने परमाणु हथियारों का जिक्र किया. तीसरी बार संयुक्त राष्ट्र में रूस के उप राजदूत दिमित्री पोलांस्की ने परमाणु बमों का जिक्र किया था. रूस की तरफ से ये चेतावनी भी दी जा चुकी है कि अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो वो परमाणु हथियारों से लड़ा जाएगा और इसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ यूक्रेन होगा.

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भारत पर भी अमेरिका ने की धौंस दिखाने की कोशिश

अमेरिका के डिप्टी एनएसए दलीप सिंह ने भारत पर भी धौंस दिखाने की कोशिश की थी. दलीप सिंह भारत को चेतावनी देते हुए कहा था कि रूस पर लगाए प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले देशों को भी गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. अमेरिका नहीं चाहेगा कि भारत के ऊर्जा और दूसरी चीजों के आयात में रूस की हिस्सेदारी बढ़े. भारत को इस बात की उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए कि अगर चीन ने कभी LAC पर उल्लंघन किया तो रूस उसके बचाव में आएगा. हालांकि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इशारों में ही अमेरिका को जवाब देते हुए कहा दिया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोई दबाव भारत और रूस के बीच साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा.

 

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