बेलारूस
बेलारूस (Belarus) पूर्वी यूरोप (Eastern Europe) में स्थित एक देश है. इसकी सीमा पूर्व और उत्तर पूर्व में रूस (Russia), दक्षिण में यूक्रेन (Ukraine), पश्चिम में पोलैंड (Poland) और उत्तर पश्चिम में लिथुआनिया (Lithuania) और लातविया (Latvia) से साझा करती है. इसका क्षेत्रफल 207,600 वर्ग किलोमीटर है (Area of Belarus). लगभग 93 लाख की आबादी के साथ, बेलारूस यूरोप का तेरहवां सबसे बड़ा और बीसवां सबसे अधिक आबादी वाला देश है (Belarus, thirteenth-largest and the twentieth-most populous country in Europe). बेलारूस की राजधानी मिन्स्क है और यह सबसे बड़ा शहर है (Minsk is the capital and largest city of Belarus).
बेलोरूसियन एसएसआर (Byelorussian SSR) उन दो सोवियत गणराज्यों में से एक था जो 1945 में कुल 51 सदस्यों में से एक के रूप में यूक्रेनी एसएसआर के साथ संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ था. सोवियत संघ के टूटने के बाद से बेलारूस और रूस घनिष्ठ व्यापारिक भागीदार और राजनयिक सहयोगी रहे हैं. बेलारूस कच्चे माल के आयात और अपने निर्यात बाजार के लिए रूस पर निर्भर करता है (Belarus is dependent on Russia for imports of raw materials).
25 मार्च 1918 को बेलारूस ने खुद को रूस से स्वतंत्र कर लिया. मार्च 1990 में, बेलारूसी एसएसआर के सर्वोच्च सोवियत में सीटों के लिए चुनाव के बाद 27 जुलाई 1990 को बेलारूस ने खुद को संप्रभु देश घोषित किया. 25 अगस्त 1991 को कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन से देश का नाम बदलकर बेलारूस गणराज्य (Rebulic of Belarus) कर दिया गया. बेलारूस के सुप्रीम सोवियत के अध्यक्ष स्टानिस्लाउ शुशकेविच ने 8 दिसंबर 1991 को रूस के बोरिस येल्तसिन और यूक्रेन के लियोनिद क्रावचुक से मुलाकात की और औपचारिक रूप से सोवियत संघ के विघटन और स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल के गठन की औपचारिक घोषणा की. मार्च 1994 में एक राष्ट्रीय संविधान अपनाया गया जिसमें बेलारूस के राष्ट्रपति को प्रधान मंत्री के कार्य दिए गए. इसके बाद 15 मार्च 1994 को इस देश का संविधान पारित हुआ और 8 दिसंबर 1999 को संघ राज्य का गठन किया गया (Formation of Belarus).
बेलारूस के 180 से अधिक देशों के साथ व्यापारिक संबंध हैं. मुख्य व्यापारिक साझेदार रूस (Russia) हैं, जो बेलारूसी निर्यात का लगभग 45% और आयात का 55% हिस्सा है. यूरोपीय संघ के देश के साथ, 25% निर्यात और 20% आयात करता हैं (Economy of Belarus).
पारंपरिक बेलारूसी पोशाक कीवन रस की अवधि (Kievan Rus' period) से चलती आ रही है. ठंडी जलवायु के कारण, कपड़े शरीर की गर्मी को बचाने के लिए डिजाइन किए गए थे और आमतौर पर सन या ऊन से बनाए जाते हैं (Dress of Belarus).
बेलारूसी भोजन में मुख्य रूप से सब्जियां, मांस और ब्रेड शामिल हैं. भोजन आमतौर पर या तो धीरे-धीरे पकाया जाता है या स्टू किया जाता है. बेलारूस में गेहूं और राई की रोटी का सेवन किया जाता है, लेकिन राई अधिक प्रचुर मात्रा में होती है क्योंकि गेहूं उगाने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं. आतिथ्य दिखाने के लिए, एक मेजबान पारंपरिक रूप से रोटी और नमक सर्व करते है (Cuisine of Belarus).
बेलारूस में यूनेस्को (UNESCO) द्वारा नामित चार विश्व धरोहर स्थल हैं- मीर कैसल कॉम्प्लेक्स, नेस्विज कैसल, बेलोवेज़्स्काया पुचा जो पोलैंड के साथ साझा करती है, और स्ट्रुवे जियोडेटिक आर्क जो नौ अन्य देशों के साथ साझा करती है (World Heritage Sites Belarus).
दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जिनकी परंपराएं और रहन-सहन आम सोच से बिल्कुल अलग हैं. यहां के नियम, तौर-तरीके और संस्कृति इतनी अनोखी है कि कोई भी सुनकर हैरान रह जाए. ये देश आपको दुनिया का वह रंग दिखाते हैं, जो आम तौर पर यात्रियों को देखने को नहीं मिलता.
21 दिन की इस अनोखी ट्रेन यात्रा में यात्री दो महाद्वीपों को पार करते हैं. इस सफर की सबसे दिलचस्प बात है इसका लंबा रास्ता और हर पड़ाव पर मिलने वाले नए नज़ारे. जानिए, आखिर क्यों इस सफर को कहा जाता है, दुनिया की सबसे अनोखा सफर.
एक तरफ तमाम ठंडे देश प्रवासियों को लेकर उबल-उबल रहे हैं, दूसरी तरफ यूरोप का एक देश बेलारूस पाकिस्तानियों का स्वागत कर रहा है. एक करार के तहत जल्द ही डेढ़ लाख के करीब पाक एक्सपर्ट इस्लामाबाद से भेजे जा सकते हैं. लेकिन बेलारूस खुद यूरोप के सबसे गरीब देशों में से है. तब क्यों पड़ोसी देश से लोग लगातार वहां जा रहे हैं?
पोलैंड ने बेलारूस में रहने वाले अपने सभी नागरिकों को जल्द से जल्द देश छोड़ने का निर्देश दिया है. पोलैंड की एम्बेसी ने कहा है कि बेलारूस के हालात कभी भी खराब हो सकते हैं और ऐसी स्थिति में सभी पोलिश नागरिकों को वहां से सही सलामत वापस लौटने का आदेश दिया गया है.
रूस और बेलारूस के 1 लाख सैनिकों ने 'जापद 2025' सैन्य अभ्यास में हिस्सा लिया, जिसमें पुतिन ने सरप्राइज विजिट की. नाटो सीमाओं के पास हुए इस अभ्यास से पोलैंड जैसे देश सतर्क हैं, खासकर रूसी ड्रोन गिरने के बाद. रूस का कहना है कि यह रक्षात्मक है, लेकिन विशेषज्ञों को नए हमले का डर है. तनाव बढ़ा पर युद्ध की आशंका कम है.
रूस और यूक्रेन युद्ध अब विश्व युद्ध में बदलने की कगार पर है, क्योंकि रूस और नैटो देश सीधे टकराव की स्थिति में आ गए हैं. पोलैंड और रोमानिया के एयरस्पेस में रूसी ड्रोन की घुसपैठ के बाद फ्रांस ने पोलैंड में राफेल विमान तैनात कर दिया हैं. इस बीच, रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने सीधा युद्ध की धमकी दी है.
सैन्य अभ्यास में 100,000 सैनिकों के साथ न्यूक्लियर-केपेबल हथियारों और वॉरशिप्स का प्रदर्शन किया गया. राष्ट्रपति पुतिन ने अभ्यास का निरीक्षण किया. अमेरिका पहली बार पर्यवेक्षक बना. अमेरिका को भी ऑब्जर्वर के तौर पर इस सैन्य अभ्यास में निमंत्रण दिया गया था.
रूस-पोलैंड तनाव बढ़ रहा है. रूस के ड्रोन हमलों के बाद नाटो ने पोलैंड में सैनिक तैनात किए. पोलैंड का आयरन गेट 2025 और रूस-बेलारूस का जापड 2025 अभ्यास सीमा पर चल रहा है. कालिनिनग्राद की इस्कंदर मिसाइलों की तैनाती पोलैंड और बाल्टिक देशों को धमकी दे रही हैं. लेकिन युद्ध की संभावना कम है.
रूस और नाटो के बीच तनाव बढ़ गया है. शुक्रवार से रूस और बेलारूस 'जपात 2025' नाम से परमाणु सैन्य अभ्यास शुरू करने जा रहे हैं. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का रिहर्सल करना है. पोलैंड ने बेलारूस से सटी सीमा को सील कर दिया है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आपात बैठक बुलाने की अपील की है.
2018 में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पुराने रूसी साम्राज्य की पुनर्स्थापना पर खुलकर अपने मन की बात कही थी. तब पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि, "आप अपने देश के इतिहास में किस घटनाक्रम को पलट देना पसंद करेंगे." इसके जवाब में पुतिन ने बिना झिझके, बिना लाग लपेट के कहा था, "सोवियत यूनियन का विघटन". पुतिन सोवियत रूस के पतन को अपने देश की सबसे बड़ी त्रासदी बताते हैं.
रूस में स्थायी रूप से रह रहे बेलारूस के नागरिक अब रूस में मतदान कर सकेंगे. इसके अलावा वे स्थानीय चुनावों में बतौर उम्मीदवार भी खड़े हो सकेंगे.
अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने सातवीं बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली है. वो 1994 से बेलारूस की सत्ता में हैं. लुकाशेंको को सत्ता में बने रहने में राष्ट्रपति पुतिन की मदद मिलती रही है. पश्चिमी देश उन्हें 'यूरोप का आखिरी तानाशाह' भी कहते हैं.
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक नया मोड़ आया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन ने नुक्लेअर डॉक्टरिन को अपडेट करने का ऐलान किया है. इसके तहत, अगर कोई भी देश रूस पर मिसाइल हमला करता है या लंबी दूरी तक वार करने वाले ड्रोन से हमला करता है, तो रूस परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है. देखिए VIDEO
रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के चलते एक और बड़ी घटना सामने आई है. यूक्रेन की एयरफोर्स ने घोषणा की है कि उन्होंने रूस के 46 ड्रोन को मार गिराया है. यूक्रेन ने बताया कि यह कदम रूस के रात में हुए हमले के जवाब में उठाया गया.
लुकाशेंको 1994 से ही बेलारूस के राष्ट्रपति हैं. लुकाशेंको जब पहली बार चुनाव लड़ रहे थे, तब उन्होंने बेलारूस को गड्ढे से निकालने का वादा किया था. 2020 में लुकाशेंको छठी बार राष्ट्रपति चुने गए थे.
ढाई साल हो गए यूक्रेन-रूस की जंग शुरू हुए. कई तरह की टैक्टिकल साइन देखने को मिले. पहले Z, O, V और अब नया आया है B. बेलारूस अपनी सेना और हथियारों को यूक्रेन सीमा के पास तैनात कर रहा है. आइए जानते हैं कि कोडवर्ड B क्या है. साथ ही ये भी कि बेलारूस की मिलिट्री ताकत कितनी है?
पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट के लिए इक्विप्मेंट सप्लाई करने वाली कंपनियों पर बैन लगा दिया है. जिन कंपनियों पर बैन लगाया गया है, उनमें चीन की तीन कंपनियां और बेलारूस की एक कंपनी शामिल है. इन कंपनियों ने पाकिस्तान की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित करने में मदद की है.
रूस-यूक्रेन युद्ध में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है, जो रूसी सेना के लिए काम कर रहा था. बताया जा रहा है कि उसे उसके एजेंट ने धोखे से रूसी सेना में सहायक के रूप में काम करने के लिए भर्ती किया था. हाल ही में एक खबर आई है कि सात भारतीय नागरिकों को रूसी सेना ने गिरफ्तार कर लिया है.
आज सुबह बेलारूस के दो हेलीकॉप्टर नाटो देश पोलैंड की सीमा के भीतर घुस आए जिससे नाटो बनाम रूस की भिड़ंत का खतरा बढ़ गया है. बता दें कि दोनों हेलीकॉप्टर पोलैंड में करीब 3 किलोमीटर तक घुस आए थे. अब पोलैंड ने एलान किया है कि वो बेलारूस सीमा पर अपने और सैनिकों को भेजेगा. देखें रिपोर्ट.
रूस के प्रशासन के खिलाफ विद्रोह करने वाली किराए की आर्मी के चीफ प्रिगोझिन रूस लौट आए हैं. इस बात का खुलासा बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने किया है. ये वही आर्मी है, जो पहले रूस की सेना के साथ यूक्रेन में लड़ रही थी, लेकिन कुछ समय पहले इस किराए की आर्मी ने रूस प्रशासन के खिलाफ ही बगावत का बिगुल बजा दिया था.
सैटेलाइट तस्वीरों में इस बात का खुलासा हुआ है कि बेलारूस में बड़ी संख्या में टेंट जैसे सैन्य शिविर खड़े किए गए हैं. कहा जा रहा है कि इन शिविरों का इस्तेमाल येवगेनी प्रिगोझिन के वैगनर समूह के लड़ाकों को रखने के लिए किया जा सकता है.