हमास के लड़ाकों के खिलाफ इजरायल युद्ध के मैदान में है. इस बीच, बुधवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहली बार सुरक्षा में चूक को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा, 7 अक्टूबर को सुरक्षा में चूक हुई और हमास के आतंकियों ने घुसकर नागरिकों के साथ बर्बरता की है. सुरक्षा में खामियों पर हर किसी की जवाबदेही तय की जाएगी. यहां तक कि मैं खुद जवाबदेही में शामिल हूं.
बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने अचानक इजरायल में हमला बोल दिया था. वहां 20 मिनट में 5 हजार से ज्यादा रॉकेट और मिसाइलें छोड़ी थीं. ये लड़ाके इजरायल के अंदर घुसे और नागरिकों के साथ बर्बरता की थी. वहां बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी. कई लोग घायल हुए थे. बाद में हमास के लड़ाके कुछ नागरिकों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे.
'इजरायल का युद्ध जीतना ही होगा'
नेतन्याहू ने कहा, सबसे पहले इजराइल को ये युद्ध जीतना ही होगा, इसे हमारे अस्तित्व की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने वादा किया कि हमास का सफाया करने और बंधकों को वापस लाने के लिए जल्द ही गाजा में जमीनी घुसपैठ की जाएगी.
'सुरक्षा खामी की पूरी जांच की जाएगी'
नेतन्याहू ने कहा, 7 अक्टूबर हमारे इतिहास का एक काला दिन था. हम दक्षिणी सीमा और गाजा क्षेत्र में जो हुआ उसकी तह तक जाएंगे. सुरक्षा खामी की पूरी जांच की जाएगी. हर किसी को इस बारे में जवाब देना होगा, जिसमें मैं भी शामिल हूं. लेकिन यह सब युद्ध के बाद ही होगा.
'मैं देश के भविष्य के लिए लड़ रहा हूं'
नेतन्याहू ने कहा, प्रधानमंत्री के तौर पर मैं देश के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जिम्मेदार हूं और अभी मेरा काम इजरायल को बड़ी जीत की ओर ले जाना है. अब एक लक्ष्य के लिए एकजुट होने का समय है. जीत की ओर आगे बढ़ने का समय है.
इससे पहले वरिष्ठ इजरायली अधिकारियों ने हाल के हफ्तों में कहा था कि वे उन भारी गड़बड़ियों की जिम्मेदारी लेते हैं, जिसके कारण हजारों हमास के आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें 1,400 लोग मारे गए. कम से कम 224 को बंदी बना लिया. हालांकि, नेतन्याहू ने अब तक सुरक्षा में चूक की बात स्वीकार नहीं की थी.
'अब जमीनी हमले की तैयारी कर रहे'
बुधवार को नेतन्याहू ने कहा, हम जमीनी हमले की तैयारी कर रहे हैं. मैं यह नहीं बताऊंगा कि कब, कैसे? मैं उन विचारों के बारे में भी विस्तार से नहीं बताऊंगा, जिनमें से अधिकांश के बारे में जनता को जानकारी नहीं है. ऐसा ही होना चाहिए. यही तरीका है, जिससे हम अपने सैनिकों की जान की रक्षा कर सकते हैं.