13 महिलाओं के रेप के दोषी एक शख्स को जेल से छोड़ दिया गया है. इस कुख्यात अपराधी का नाम एंड्रयू बारलो है. उसे तमाम अपराधों के बाद 1988 में पकड़ा गया था. ये मामला ब्रिटेन के ग्रेटर मैनचेस्टर का है. उसे रिहा किए जाने का ऐलान दिसंबर में किया गया था. इसका उप प्रधानमंत्री डॉमिनिक राब ने भी विरोध किया था. 66 साल के बारलो ने 13 महिलाओं का रेप किया और कई अन्य अपराधों को भी अंजाम दिया.
एंड्रयू बारलो को 13 उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है. उसने 34 साल जेल में बिताए हैं. उसे जेल से एक हॉस्टल ले जाया गया है. पहले उसे एंड्रयू लॉन्गमायर के नाम से जाना जाता था. फिर उसने अपना नाम बदलकर एंड्रयू बारलो कर लिया.
क्यों रिहा किया गया?
एक लंबा समय जेल में बिताने की वजह से उसे छोड़ने का आदेश दिया गया था. पैरोल बोर्ड ने कहा था कि उसने 34 साल की सजा पूरी कर ली है, इसलिए उसे जेल से रिहा किया जाएगा. लेकिन वह निगरानी में रहेगा. वह Greater Manchester में नहीं जा सकता. वह तय पता पर ही रहेगा. अपने नए रिश्तों की जानकारी देगा. साथ ही नियमित तौर से उसे ड्रग टेस्ट पास करना होगा. और जीपीएस से भी उसकी निगरानी की जाएगा.
पीड़ित महिलाओं को लग रहा डर
दरिंदे के जेल से रिहा होने के बाद एक पीड़िता ने कहा, 'मुझे डर है कि वह एक बार फिर अपना नाम बदल लेगा. मेरा मानना है कि और भी पीड़िताएं हैं, जो सामने नहीं आई हैं. उसने जेल में 34 साल बिताए हैं, लेकिन वो अब भी वही दुष्ट आदमी है. मुझे लगता है कि वह अभी भी खतरनाक है.
वो बेशक 66 साल का है, लेकिन अब वो अपने कंधों पर 34 साल जेल में रहने का चिप लगाकर आया है.' बारलो को साल 1988 में 11 महिलाओं के बलात्कार के अपराध में 11 उम्र कैद की सजा और अन्य अपराधों के लिए अतिरिक्त 56 साल की कैद हुई थी. बाद में उसे कुछ और मामलों में सजा दी गई.
कैसे महिलाओं को बनाता था शिकार?
2010 में और फिर 2017 में उसे दो और उम्रकैद की सजा सुनाई गई. ये सजा 1981 और 1982 के अपराधों के लिए मिली थी.
न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हम जानते हैं कि यह पीड़िताओं के लिए मुश्किल समय होगा, लेकिन एंड्रयू बारलो की बाकी की जिंदगी निगरानी में रहेगी और अगर वह अपनी रिहाई की सख्त शर्तों का उल्लंघन करता है, तो उसे दोबारा जेल में डाला जा सकता है.'