एयरस्ट्राइक में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराने के बाद अमेरिका ने ईरान के खिलाफ एक और कड़ा कदम उठाया है. अमेरिका ने ईरान के विदेश मंत्री जावद जरीफ को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया है.
एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया, अमेरिका ने ईरान के विदेश मंत्री जावद जरीफ को वीजा देने से इनकार कर दिया. ईरान के विदेश मंत्री जरीफ न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की होने वाली बैठक में हिस्सा लेने वाले थे. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने इस मामले पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
जरीफ यूएन चार्टर के विषय पर हो रही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में शरीक होना चाहते थे. यह बैठक और जरीफ का दौरा वॉशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव बढ़ने से पहले ही तय थी. अगर ईरान के विदेश मंत्री को बैठक में हिस्सा लेने का मौका मिलता तो वह सुलेमानी की हत्या के लिए सार्वजनिक तौर पर अमेरिका की आलोचना कर सकते थे.
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत मजीद तख्त रावांची ने सुलेमानी की हत्या को राज्य समर्थित आतंकवाद का सटीक उदाहरण बताया. मजीद ने कहा कि सुलेमानी की हत्या एक आपराधिक कृत्य है और अंतरराष्ट्रीय कानून व यूएन के चार्टर के मूल सिद्धांतों का साफ उल्लंघन है.
इससे पहले जरीफ ने यूएन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सितंबर महीने में न्यू यॉर्क का दौरा किया था. इसके बाद अमेरिका ने ईरान के सुप्रीम नेता अयोतुल्लाह खुमैनी का एजेंडा लागू करने के लिए उन पर प्रतिबंध लगा दिया था.
प्रतिबंधों के तहत जरीफ की अमेरिका में संपत्तियों या किसी भी तरह की गतिविधि को ब्लॉक कर दिया गया था. हालांकि, जरीफ ने दावा किया था कि अमेरिका में उनकी कोई संपत्ति ही नहीं है इसलिए इन प्रतिबंधों का उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
जरीफ अप्रैल और जुलाई महीने में यूएन की बैठक में भी शामिल हुए थे हालांकि, वॉशिंगटन के जरीफ पर कड़े प्रतिबंधों के चलते उन्हें न्यू यॉर्क के एक सीमित हिस्से में ही घूमने की इजाजत दी गई थी.
इससे पहले ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि उसके 52 ठिकाने उसकी जद में हैं जिसमें से कुछ सांस्कृतिक महत्व के भी स्थल हैं.