पश्चिम बंगाल के वक्फ (संशोधन) बिल के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद, मालदा समेत अन्य जगहों पर हुई हिंसा के जांच के लिए पुलिस की ओर से नौ सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) टीम का गठन किया गया. प्रशासन स्थिति को सामान्य करने की दिशा में तेजी से कदम उठा रही. मुर्शिदाबाद और मालदा के कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई. शमशेरगंज में अब भी इंटरनेट बंद है. धारा 163 के तहत कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध जारी हैं.
क्या है ताजा हालात?
पिछले सप्ताह मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद करीब 500 परिवार अपना घर छोड़कर चले गए थे. प्रशासन ने अब इनमें से 200 परिवारों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करवाई है. हालांकि, स्थानीय लोगों का दावा है कि लगभग 1000 परिवार घर छोड़कर गए थे. लोगों का कहना है कि वास्तविक संख्या आधिकारिक संख्या से अलग है.
धारा 163 के तहत कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध जारी हैं. जिला प्रशासन के अनुसार, स्थिति में सुधार होने के बाद इसे हटाया जा सकता है.
कलकत्ता उच्च न्यायालय की विशेष खंडपीठ के आदेश के बाद हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती की गई, जिसके बाद स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है.
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मुर्शिदाबाद हिंसा पर क्या बोलीं ममता बनर्जी?
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद ममता बनर्जी ने इमामों की सभा में शिरकत की. उन्होंने हिंसा के पीछे साजिश की थ्योरी पेश की और बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाया. ममता ने बीजेपी पर हिंदुओं के ध्रुवीकरण का आरोप लगाया और योगी आदित्यनाथ पर हमला किया. उन्होंने कहा, 'हिंसा की साजिश का जवाब 2026 के बाद दिया जाएगा. अगर कोई दंगा भड़काने की कोशिश करेगा तो मैं उसे माफ नहीं करूंगी. चाहे वो हिंदू, सिख या मुसलमान हो. मैं बंगाल की मिट्टी को खून से रंगने नहीं दूंगी. सब अगर ठीक से रहेंगे तब हम और आप सब ठीक रहेंगे'.