मुर्शिदाबाद हिंसा की शुरुआती जांच में बांग्लादेशी साजिश होने की बात सामने आ रही है लेकिन अब वक्फ कानून पर योगी आदित्यनाथ बनाम ममता बनर्जी हो गया है. सीएम योगी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हिंसा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए जोरदार प्रहार किया. वहीं, बंगाल में वक्फ कानून की लड़ाई सुदर्शन चक्र पर आ गई. बीजेपी ने टीएमसी सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है कि अब और हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे.
दरअसल, ममता बनर्जी खुद कह चुकी हैं कि वो अपने राज्य में वक्फ कानून लागू नहीं होने देंगी. ममता मंच पर सीधे तौर पर अपने मुस्लिम वोट बैंक को लुभाते हुए कह चुकीं हैं कि बंगाल के 33 फीसदी अल्पसंख्यकों को वो कहां फेंक दें. ममता भी संकेतों की सियासत में माहिर मानी जाती हैं. इधर, बीजेपी आरोप लगा रही है कि बंगाल में हिंसा के जरिए हिंदुओं को भगाने की साजिश हो रही है.
8 अप्रैल से सुलग रहा मुर्शिदाबाद
पश्चिम बंगाल का मुस्लिम बहुल जिला मुर्शिदाबाद 8 अप्रैल से सुलग रहा है. वक्फ कानून के खिलाफ ऐसा उबाल आया कि बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा. लेकिन अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता बनर्जी को ललकारा है. इससे पहले भी बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद योगी ने 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा देकर हिंदुत्व का एजेंडा सेट किया था.
वहीं, वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन और हिंसा के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए लोगों से शांति की अपील की है. एक तरफ ममता बनर्जी इशारों में बंगाल के लोगों को उकसाने के लिए बीजेपी पर निशाना साध रहीं हैं. वहीं, बीजेपी कह रही है कि ममता हमें सुदर्शन चक्र निकालने को मजबूर ना करें.
ममता बनर्जी पर बीजेपी के आरोप
वक्फ कानून पर हो रही हिंसा पर शांति की अपील के बाद ममता बनर्जी ने धर्म वाली राजनीति पर भी करारा प्रहार किया. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी मुर्शिदाबाद हिंसा को क्रिया की प्रतिक्रिया बताकर हिंसा को सही ठहराने की कोशिश करते दिखे. तो बंगाल बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर बंगाल को अलकायदा की जमीन बनाने का आरोप भी लगा दिया.
मुर्शिदाबाद हिंसा में दो आरोपियों की गिरफ्तारी
बंगाल में हिंसा के बाद बीजेपी और टीएमसी के बीच तनातनी चल रही है तो यूपी के मंत्री रघुराज सिंह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विवादित बयान दे डाला. इधर, मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज में 11 अप्रैल को हुई हिंसा में पिता और बेटे की हत्या के मामले में दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. कालू नदाब और दिलदार नदाब नाम के दोनों आरोपी भाई हैं. दोनों पर मुर्शिदाबाद के जाफराबाद में हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की निर्ममता से हत्या करने का आरोप है. उपद्रवियों ने लूटपाट के दौरान इन्हें घर से खींचकर पीट-पीटकर मार डाला था.
मुर्शिदाबाद में हालात धीरे धीरे सामान्य हो रहे हैं. शमशेरगंज थाने में शिकायतकर्ताओं की लंबी लाइन देखी जा रही है. अच्छी बात ये है कि मुर्शिदाबाद में 4 दिन से हिंसा की कोई घटना नहीं हुई है. अब धीरे-धीरे बाजार खुलने लगे हैं.
हिंसा में बांग्लादेशी घुसपैठियों की भूमिका
वहीं, मुर्शिदाबाद में हिंसा का कनेक्शन बांग्लादेश में बैठे चरमपंथी संगठनों से जुड़ रहा है. पश्चिम बंगाल हिंसा पर गृह मंत्रालय को केंद्रीय एजेंसियों ने जो शुरुआती जानकारी दी है. उसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों की हिंसा में भूमिका की आशंका जताई जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक अवैध तरीके से दाखिल हुए बांग्लादेशियों की हिंसा में अहम भूमिका है.
इस बीच केंद्रीय मंत्री और बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार मालदा में हिंसा के पीड़ितों से मिलने पहुंचे. वहीं, बीजेपी नेता दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि हिंदुओं को पीट-पीटकर भगाया जा रहा है. बंगाल हिंसा को लेकर बीजेपी और टीएमसी में जुबानी जंग जारी है. टीएमसी, बीजेपी पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगा रही है तो बीजेपी राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है.
क्या योगी मॉडल से हिंसा पर लगेगी लगाम?
सवाल है कि वक्फ कानून के खिलाफ मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के पीछे क्या इंटरनेशनल साजिश है. क्या सीमापार से पश्चिम बंगाल के जरिए भारत की शांति में खलल डालने की कोशिश हो रही है और क्या यूपी में जिस तरह से उपद्रवियों और दंगाइयों पर सीएम योगी ने नकेल कसी है तो क्या बंगाल में भी योगी मॉडल से ही हिंसा पर विराम लगेगा.