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विधायक पति की हत्या, अतीक से दुश्मनी, फिर तीन बार जीतीं चुनाव... कौन हैं पूजा पाल, जिन्हें सपा ने निकाला?

चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा पाल ने विधानसभा के मानसून सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ की खुलकर तारीफ की थी. इस बयान को पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हुए सपा ने उन पर कार्रवाई की है. इस घटना ने एक बार फिर पूजा पाल को सुर्खियों में ला दिया है. 

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चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा पाल (फाइल फोटो)
चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा पाल (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश की चायल विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक पूजा पाल को पार्टी से निकाल दिया गया है. उन्होंने विधानसभा के मानसून सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ की खुलकर तारीफ की थी. इस बयान को पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हुए सपा ने उन पर यह कार्रवाई की है. इस घटना ने एक बार फिर पूजा पाल को सुर्खियों में ला दिया है. 

आपको बता दें कि चायल विधायक पूजा पाल पर निष्कासन की कार्रवाई तब हुई जब उन्होंने यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की. पूजा पाल की इस तारीफ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. पूजा पाल के निष्कासन की यह घटना उनके राजनीतिक सफर में एक नया मोड़ है. 

यह भी पढ़ें: फूलपुर उपचुनाव: BJP प्रत्याशी के लिए घर-घर जाकर वोट मांग रहीं सपा विधायक पूजा पाल, CM योगी को दे रहीं धन्यवाद

मालूम हो कि पूजा पाल के पति राजू पाल बसपा के विधायक थे, जिनकी साल 2005 में शादी के चंद रोज बाद ही हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा था. उस समय प्रयागराज में अतीक का खौफ इतना था कि लोग उसके खिलाफ बोलने से डरते थे, लेकिन पूजा पाल ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने अपने पति की लड़ाई को आगे बढ़ाने का फैसला किया. 

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राजनीतिक सफर और बीजेपी से जुड़ाव

राजनीति का कोई अनुभव न होने के बावजूद, पूजा पाल ने चुनाव लड़ा और शहर पश्चिम विधानसभा सीट से जीत हासिल की. वह दो बार बसपा से विधायक बनीं और फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं. मौजूदा समय में वह सपा के टिकट पर तीसरी बार विधायक बनीं. लेकिन, पूजा पाल ने अब भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया है. उन्हें लगता है कि माफिया के खिलाफ बीजेपी की सख्त कार्रवाई उनकी विचारधारा से मेल खाती है, हालांकि उन्होंने अभी बीजेपी की सदस्यता नहीं ली है. 

गौरतलब है कि पूजा पाल सिर्फ एक नेता नहीं बल्कि 'पाल बिरादरी' की एक सशक्त प्रतिनिधि मानी जाती हैं. उन्होंने अपनी बिरादरी के अधिकार, सम्मान और राजनीतिक पहचान के लिए सड़क से लेकर विधानसभा तक आवाज बुलंद की है. 

राजू पाल की हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की भी हत्या

राजू पाल की हत्याकांड में उमेश पाल भी अहम गवाह थे. मगर पिछले साल उमेश पाल की भी गोली-बमों से हमला कर हत्या कर दी गई थी. इस वारदात के कुछ महीने बाद ही हत्यारोपी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं, इस हत्याकांड में शामिल रहे अतीक के बेटे असद को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था. 

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योगी की तारीफ, सपा से आउट 

पूजा पाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा था कि उनकी सरकार ने महिलाओं पर होने वाले अत्याचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है. यही वजह है कि अतीक अहमद जैसा माफिया आज मिट्टी में मिल गया है. पूजा पाल ने यह भी कहा कि वह अपनी पार्टी के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सीएम योगी के एक फैसले ने उन्हें निजी तौर पर बहुत सुकून दिया है. इसलिए वह सीएम की खुलकर तारीफ करती हैं.

विधायक बाद में, पहले एक पीड़ित महिला हूं: पूजा पाल 

निष्कासन के बाद पूजा पाल ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा- शायद आप प्रयागराज की उन महिलाओं की बात नहीं सुन पाए जो मुझसे भी ज्यादा परेशान थीं. लेकिन मैं उनकी आवाज हूं. मुझे विधायक चुनकर विधानसभा भेजा गया है. मैं उन माताओं-बहनों की आवाज हूं जिन्होंने अपनों को खोया है. उन्होंने ही मुझे यहां भेजा है. प्रयागराज में अतीक अहमद के कारण परेशान सभी लोगों को सीएम ने न्याय दिलाया है, सिर्फ़ पूजा पाल को नहीं. मैं ये बात पहले दिन से कह रही हूं, जब मैं पार्टी में थी. मुझे आज ही निष्कासित किया गया है.

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पाल ने आगे कहा- मैं आज भी अपने बयान पर कायम हूं. मैं विधायक बाद में बनी, लेकिन मैं पहले एक पीड़ित महिला हूं , एक पत्नी हूं ... हमारे साथ जो हुआ वो हम बर्दाश्त नहीं कर सके... वो पीडीए की बात करते हैं. मैं भी पिछड़े समुदाय से हूं , मैं परेशान थी, मैं घर से बाहर निकली क्योंकि मेरे पति की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई, मैं नई-नवेली दुल्हन थी और मेरे घर पर कोई नहीं था... उन्होंने साबित कर दिया है कि वो पीडीए के पूरी तरह खिलाफ हैं.

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