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5 लाख में देते थे B-Pharma की डिग्री... UPSTF के हत्थे चढ़े दो शातिर, PCI के बड़े अफसरों से सांठगांठ

यूपी एसटीएफ ने फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) के कर्मचारियों की मिली भगत से बी फार्मा, डी फार्मा व कई फर्जी डिग्री बनाकर मेडिकल कोर्स में एडमिशन कराने के नाम पर ठगी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पैसा लेकर ये शातिर फर्जी डिग्री बनवाने का काम करते थे. दोनों को लखनऊ के गाजीपुर से गिरफ्तार किया गया है.

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गिरफ्तार आरोपी
गिरफ्तार आरोपी

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में यूपी एसटीएफ (UPSTF) ने गाजीपुर इलाके से फर्जी डिग्री बनवाने और उसके आधार पर MBBS और अन्य मेडिकल कोर्स में एडमिशन के नाम पर ठगी करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों आरोपियों की फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) के कर्मचारियों के साथ सांठगांठ थी. उनके साथ मिलकर दोनों फर्जी डिग्री बनाकर लोगों को  5 लाख रुपये में देते थे. 

यूपी एसटीएफ ने जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान सचिन मणि त्रिपाठी और शिवानंद वर्मा के रूप में की गई है. दोनों के पास से 135 से अधिक फर्जी बी फार्मा, डी फार्मा की मार्कशीट व सर्टिफिकेट  बरामद हुए हैं. दोनों पांच लाख रुपया लेकर लोगों को बी फार्मा की फर्जी डिग्री देते थे. बी फार्मा की फर्जी डिग्री से कई मेडिकल स्टोर खोलने वालों से भी वसूली की जाती थी. 

फर्जी डिग्री से एमबीबीएस में करवाते थे दाखिला 
बताया जाता है कि दोनों पीसीआई के अफसरों और कर्मियों की मिली भगत से फर्मेसी की अलग-अलग फर्जी डिग्रियां बनवाकर लोगों को देश विदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस व अन्य कोर्सों में दाखिले के लिए उपलब्ध कराते थे. साथ ही फर्जीवाड़ा कर लोगों का मेडिकल कोर्स में एडमिशन भी करवाते थे.

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पीसीआई के अफसर और कर्मियों से भी हो सकती है पूछताछ
शुरुआती पूछताछ के बाद फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया के कर्मचारियों की मिली भगत भी सामने आई है.  जल्द यूपी एसटीएफ की टीम फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के लखनऊ स्थित दफ्तर के कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी. दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन में पीसीआई के कई बड़े अफसर से बातचीत के सुराग हाथ लगे हैं. 

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