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ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर उठे सवाल तो अब आया पीएन पाठक जवाब, जानिए क्या कहा...

उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों ब्राह्मण विधायकों की बैठक राजनीतिक चर्चा का केंद्र बनी हुई है. कुशीनगर के बीजेपी विधायक पीएन पाठक के लखनऊ आवास पर पिछले दिनों ब्राह्मण विधायकों की बैठक हुई, जिस पर नए प्रदेश अध्यक्ष ने सख्त चेतावनी दी थी. इसके बाद अब पीएन पाठक की प्रतिक्रिया आई है.

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बीजेपी विधायक पीएन पाठक के घर पर ब्राह्मण विधायकों की बैठक (Photo-ITG)
बीजेपी विधायक पीएन पाठक के घर पर ब्राह्मण विधायकों की बैठक (Photo-ITG)

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पिछले दिनों लखनऊ में कुशीनगर के बीजेपी विधायक पंचानंद पाठक के सरकारी आवास पर ब्राह्मण विधायकों की एक बैठक हुई थी. इस बैठक से सूबे की सियासी सरगर्मी बढ़ गई थी, जिसे लेकर बीजेपी अध्यक्ष पंकज चौधरी ने बैठक करने वाले विधायकों को नसीहत और सख्त चेतावनी दी थी.

ब्राह्मण विधायकों की अपने आवास पर बैठक करने वाले पीएन पाठक ने कई दिनों बाद अब शोसल मीडिया के जरिए अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि ब्राह्मण समाज को जोड़ने का काम करता है, तोड़ने का नहीं. पीएन पाटक के ट्वीट को क्या पंकज चौधरी की चेतावनी का जवाब माना जाए?

जाने पीएन पाठक ने अब क्या कहा?

बीजेपी विधायक पीएन पाठक लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. पहले अपने आवास पर बीजेपी ब्राह्मण विधायकों की बैठक और अब ट्वीट करके ब्राह्मण को समाज का मार्गदर्शक बताया है. पीएन पाठक ने अपने ट्वीट में लिखा- 'जय श्री राम जय सनातन जय भाजपा. सनातन परंपरा में ब्राह्मण को समाज का मार्गदर्शक, विचारक और संतुलनकर्ता माना गया है, जहां ब्राह्मण एकत्र होता है, वहां ज्ञान, विवेक और चिंतन का मंथन होता है, जो हिंदू अस्मिता को सशक्त बनाता है, उसका धर्म समाज को जोड़ना है, विभाजन नहीं.

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चौधरी को क्या पाठक का जवाब माना जाए

पीएन पाठक के बयान के जरिए साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि उनके आवास पर हुई बैठक को समाज को बांटने वाला नहीं बल्कि जोड़ने के नजरिए से देखा जाना चाहिए. उन्होंने इसे ब्राह्मण विधायकों की बैठक को धार्मिक-सांस्कृतिक परंपरा के आधार पर आयोजित विचार-विमर्श का मंच बताया.

वहीं, बीजेपी विधायक पीएन पाठक की बयान को जवाब माना जा रहा है जो ब्राह्मण विधायकों के सहभोज को लेकर उठाया गया. इतना ही नहीं नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने जिस मामले में विधायकों को नसीहत भी दी और चेतावनी भी दी थी. पंकज चौधरी ने कहा था पार्टी में जातिगत बैठकें स्वीकार्य नहीं हैं और ऐसी गतिविधियां बीजेपी के संविधान के विरुद्ध है.

पंकज चौधरी ने सख्त लहजे में स्पष्ट किया था कि बीजेपी में अनुशासन सर्वोपरि है और पार्टी लाइन से ऊपर कुछ नहीं. अब ऐसे में पीएन पाठक ने अपनी प्रतिक्रिया देकर साफ कर दिया है कि ब्राह्मण विधायकों की बैठक को जातीय गोलबंदी के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए और ना ही समाज को तोड़ने के लिए की गई थी बल्कि समाज जोड़ने के लिए हुई थी. इस तरह पीएन पाठक ने स्पष्ट कर दिया है कि इस सहभोज का उद्देश्य एकता और संवाद था, न कि अलग गुटबंदी.

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