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सपा ने चंदौली में वीरेंद्र सिंह पर लगाया दांव, कल्याण सिंह सरकार में रह चुके हैं मंत्री

समाजवादी पार्टी ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में कुल 11 प्रत्याशी घोषित किए गए हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश की चंदौली लोकसभा सीट से वीरेंद्र सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. बता दें कि वीरेंद्र सिंह कल्याण सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)
सपा प्रमुख अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)

2024 के आम चुनाव में अब कुछ ही वक्त बचा है. चुनाव के नजदीक आती है राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी क्रम में समाजवादी पार्टी ने लोकसभा के चुनाव के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. सोमवार को जारी की गई इस लिस्ट में कुल 11 प्रत्याशी घोषित किए गए हैं, जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली लोकसभा से वीरेंद्र सिंह को समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है.

समाजवादी पार्टी के चंदौली से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद वीरेंद्र सिंह ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार व्यक्त किया है और कहा है कि वह इस सीट पर जीत हासिल करेंगे और यहां की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे.

ऐसा रहा है राजनीतिक सफर

दरअसल, वीरेंद्र सिंह मूल रूप से वाराणसी के रहने वाले हैं और वाराणसी जिले की चिरईगांव सीट से विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में कई बार मंत्री भी रह चुके हैं. वीरेंद्र सिंह ने वाराणसी के यूपी कॉलेज से बीएससी और BHU से एमएससी की डिग्री हासिल की है. शुरुआती दिनों में वीरेंद्र सिंह छात्र राजनीति से भी जुड़े रहे.

63 साल के वीरेंद्र सिंह का सक्रिय राजनीति में सफर 1990 से शुरू हुआ था. उन दिनों वह कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे और 1993 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चिरईगांव विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 1996 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और विधायक चुने गए, लेकिन 1 साल बाद ही इन्होंने कांग्रेस से किनारा कर लिया और लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी बना ली.

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कल्याण सिंह सरकार में रह चुके हैं मंत्री

इसके बाद इन्होंने भाजपा को अपना समर्थन दे दिया और कल्याण सिंह की सरकार में मंत्री बन गए. 2003 में इन्होंने बसपा से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया और मुलायम सिंह की सरकार में एक बार फिर मंत्री बने. वीरेंद्र सिंह ने 2007, 2012 में सपा से चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए. इसके बाद 2017 में बसपा के टिकट पर  चुनाव लड़ा. पर वो इस बार भी जीत का स्वाद नहीं चख पाए. इसके बाद उन्होंने 2018 में फिर से सपा दामन थाम लिया.

चंदौली से टिकट मिलने के बाद सपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि वो सबसे पहले मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बहुत धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने मेरे जैसे कार्यकर्ता के ऊपर अपना भरोसा जताया है. मेरा यह प्रयास रहेगा कि उनके भरोसे पर मैं कायम रहूं और पार्टी को जीत दिलाने के लिए काम करूंगा. ये क्षेत्र मेरे लिए नया नहीं है, मैं पिछले 30-40 सालों से राजनीति कर रहा हूं. जब चंदौली और बनारस एक था तब मैंने यहां अध्यक्ष के रूप में काम किया. इस क्षेत्र की एक-एक गली गांव मोहल्ला और उनकी भौगोलिक स्थिति  से में बाकिफ हूं.

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सपा नेता ने बीजेपी पर साधा निशाना

वीरेंद्र सिंह ने आगे बताया कि उनका सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी से है. भाजपा पर निशाना चाहते हुए वीरेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कलई खुल चुकी है और लोग जान चुके हैं कि यह लोग भ्रम पैदा करके गुमराह कर वोट लेने का काम करते हैं.

चंदौली के सांसद और केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय पर भी निशाना साधते हुए वीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह यहां से दो बार सांसद रहे हैं और देश के बड़े उद्योग मंत्रालय को संभाल रहे हैं. अगर उनके मन में यहां के नौजवानों के प्रति जरा-सा भी आभास रहता तो वह उनके रोजगार की दिशा में सोचते. तो निश्चित रूप से जो बड़ी-बड़ी कंपनियां आज बनारस की धरती पर लग रही है. उनका कुछ अंश चंदौली की धरती पर आता और यहां के किसानों और नौजवानों को लाभ मिलता.

2024 के चुनाव में चंदौली में होने वाले मुकाबले के संदर्भ में वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मेरा मुकाबला किसी जाति विशेष से नहीं है बल्कि पीडीए बनाम भारतीय जनता पार्टी है. पीडीए में वह सभी साथी आते हैं जो सताए हुए हैं चाहे किसी भी जाति या वर्ग के हों. पीडीए बनाम भारतीय जनता पार्टी की लड़ाई होगी, जिसमें पीडीए भारी पड़ेगा.

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