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कटी उंगली, औलाद की गवाही और... बेटे ने मां के हत्यारे पिता को दिलाई सजा, पढ़ें- इंसाफ की अनोखी कहानी

कानपुर के नौबस्ता में योगेंद्र बिहार की रहने वाली महिला सिपाही शारदा सिंह उन्नाव में हेड कांस्टेबल थी. 20 नवंबर 2018 को जब वह घर पर थी, तभी उसके पति वीरेंद्र सिंह भदोरिया ने उसको धारदार हथियार से काटकर हत्या कर डाली थी.

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मृतक पत्नी और आरोपी पति की फाइल फोटो.
मृतक पत्नी और आरोपी पति की फाइल फोटो.

उत्तर प्रदेश के कानपुर में 5 साल पहले अपनी सिपाही पत्नी की हत्या करने वाले पति को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा दी है. कोर्ट ने बेटे की गवाही और पुलिस द्वारा पेश की गई आरोपी के कटी उंगली के सबूत को महत्वपूर्ण माना. सिपाही पत्नी की हत्या में पति को दोषी मानकर उम्र कैद की सजा सुनाई. बता दें कि पति ने साल 2018 में घर में ही अपनी पत्नी की चापड़ से काटकर हत्या कर डाली थी.

दरअसल, नौबस्ता में योगेंद्र बिहार की रहने वाली महिला सिपाही शारदा सिंह उन्नाव में हेड कांस्टेबल थी. 20 नवंबर 2018 को जब वह घर पर थी, तभी उसके पति वीरेंद्र सिंह भदोरिया ने उसको धारदार हथियार से काटकर हत्या कर डाली थी. हत्या करके जब आरोपी भाग रहा था, तब उसका बेटा शिवा सिंह ने उसको अपनी आंखों से देखा था.

हत्या के दौरान आरोपी की कट गई थी एक उंगली

मृतक सिपाही की बहनों का आरोप था कि उसका पति वीरेंद्र उस पर शक करता था. आए दिन उसको पीटा करता था. हत्या के दिन भी वह बहन को पीट रहा था. इस दौरान बहन ने जब उसका विरोध किया, तो उसने धारदार हथियार से बहन का गला काटकर हत्या कर दी थी. बहन ने जब उसको पकड़ने की कोशिश की थी, तो उसी के चाकू से आरोपी की एक उंगली कट गई थी.

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मृतक की बहन समेत 10 लोगों ने दी थी गवाही

आरोपी हत्या करके भाग रहा था, तो उसका बेटा शिव मौके पर आ गया था. उसने पिता को भागते हुए देख लिया था. इसके बाद बेटे ने ही पिता के खिलाफ एफआईआर कराई थी.  नौबस्ता थाने के इंचार्ज सतीश कुमार पांडे का कहना है की पुलिस ने मौके पर कातिल की कटी हुई उंगली को बरामद किया था. इसके बाद उसको सबूत के तौर पर पेश किया था. आरोपी के खिलाफ उसके बेटे के साथ-साथ मृतक की बहन समेत 10 लोगों ने गवाही दी थी.

लगता है मेरी मां को सुकून मिल गया होगा

बेटे का कहना है मेरी मां पिता को हमेशा समझाया करती थी. मेरे पिता हम लोगों के सामने अक्सर मां पीटा करते थे. वह ड्यूटी करने भी जाती थी और पिता की गालियां सुनती थी. फिर भी उसने कभी शिकायत नहीं की. हत्या के बाद पिता मेरी आंखों के सामने मौके से भाग गए. मैंने तभी ठान लिया था कि पिता को सजा जरूर दिलाएंगे. फिर मैंने एफआईआर दर्ज करा दी थी. आज आरोपी को सजा मिल गई है. हमें लगता है मेरी मां को सुकून मिल गया होगा. भले ही वो मेरे पिता हैं, लेकिन हत्यारा हत्यारा होता है.

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मामले में डीजीसी ने कही ये बात

डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी का कहना है कि यह मुकदमा जिला जज माननीय प्रदीप कुमार सिंह की अदालत में चल रहा था. माननीय अदालत ने बेटे की गवाही और पुलिस के मौके पर सील किए गए सबूत को खास माना. इसमें कातिल के हाथ की कटी हुई उंगली सबसे बड़ा सबूत था. इसके अलावा 10 गवाह थे. सब की गवाहों के मद्देनजर आरोपी वीरेंद्र सिंह को अपनी पत्नी की हत्या का दोषी पाया गया है. 

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