
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच उत्तर प्रदेश के शामली जिले के निवासी नोमान इलाही (24) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. नोमान पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है. उसकी गिरफ्तारी हरियाणा के पानीपत से हुई है, जहां वह फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम कर रहा था. बीते दिन पुलिस उसे शामली जिले के कैराना लेकर पहुंची. इस दौरान मनी ट्रांसफर के मामले में जनसेवा केंद्र संचालक से भी पूछताछ की गई. आइए जानते हैं पूरा मामला...
बताया जा रहा है कि कैराना निवासी नोमान इलाही पानीपत में बैठे-बैठे पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था. वह सेना की खुफिया जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर्स को दे रहा था. इस बीच जब भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ, तब खुफिया विभाग और इंटेलिजेंस ने मामले की जांच की. इस दौरान एक नंबर का पता चला, जो लगातार पाकिस्तान के संपर्क में था. इस नंबर से पाकिस्तान कॉल किए जा रहे थे. जिसके बाद पुलिस ने नोमान को उठा लिया गया.
जांच में सामने आया है कि आरोपी नोमान इलाही पाकिस्तान के लिए जासूसी करता था, इतना ही नहीं हवाला के जरिए सीमा पार से उसके खाते में रुपये भी आए हैं. वह पाकिस्तान में बैठे आतंकी इकबाल काना के संपर्क में था और सोशल मीडिया के माध्यम से उसे भारत की खुफिया जानकारी भेज रहा था.
जानकारी के मुताबिक, नोमान इलाही के माता-पिता की मौत 5 साल पहले हो चुकी है. वह चार महीने पहले अपनी बहन के यहां पानीपत आ गया था. उसके मोबाइल से आतंकी कनेक्शन का खुलासा हुआ है. फिलहाल, कैराना में आरोपी के घर पर ताला लगा हुआ है. उसके दो भाई दिल्ली में रहकर कपड़े का काम करते हैं.

गौरतलब है कि आतंकी इकबाल काना का संबंध भी कैराना से है. वह कभी अपने पिता के साथ कैराना में केले का ठेला लगाता था. फिर उसने पासपोर्ट और वीजा बनवाने का काम शुरू कर दिया और लोगों को पाकिस्तान का वीजा भी दिलवाने लगा. धीरे-धीरे इकबाल तस्करी से जुड़ गया. और फिर 1995 के बाद परिवार समेत पाकिस्तान चला गया. वहां पर वह आतंकी बनकर भारत के खिलाफ साजिश रचने लगा.
उधर, नोमान की गिरफ्तारी के बाद पानीपत में उसकी बहन बदहवास और सदमे में है. उसे यकीन नहीं हो रहा कि उसका भाई देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है. नोमान के जीजा इरफान का कहना है कि इस घटना से क्षेत्र में उनकी छवि खराब हुई है. उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि नोमान ऐसा कर सकता है.