यूपी के संभल जिले के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विशेष मुलाकात की. उन्होंने सीएम को पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति भेंट की. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब 19 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद के मंदिर दावे को और 24 नवंबर को संभल हिंसा को एक साल पूरा होने वाला है. इस मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
मंदिर-मस्जिद विवाद और हिंसा की बरसी
संभल की जामा मस्जिद को पहले हरिहर मंदिर होने का दावा 19 नवंबर 2024 को कोर्ट में दायर किया गया था. कोर्ट के आदेश पर उसी शाम एडवोकेट कमीशन सर्वे हुआ. इसके बाद, 24 नवंबर 2024 को जब टीम दूसरे सर्वे के लिए मस्जिद पहुंची तो इलाके में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी. इस हिंसा के बाद डीएम और एसपी आरोपियों पर कार्रवाई और तीर्थों-कूपों के पुनर्जीवन अभियान को लेकर चर्चा में आए थे.
विकास और बुलडोजर एक्शन की रिपोर्ट
संभल हिंसा के बाद सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त कराने, कब्रिस्तान और मैरिज हॉल पर बुलडोजर एक्शन को लेकर भी ये अधिकारी काफी सुर्खियों में रहे हैं. मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान डीएम और एसपी ने उन्हें संभल में किए जा रहे विकास कार्यों और तीर्थों तथा कूपों के जीर्णोद्धार के कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने संभल को तीर्थ नगरी बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी बताया.
ये है ब्लू प्रिंट
जानकारी के मुताबिक, संभल में 24 कोसी परिक्रमा मार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण होगा. तीर्थयात्रियों के पौराणिक स्थलों के पास पड़ाव के लिए रूपरेखा तैयार होगी. साथ ही 12 तीर्थ स्थलों को विकसित करने के लिए भूमि खरीदी जाएगी.
संभल जिले में सम्राट पृथ्वीराज चौहान और रानी अहिल्याबाई की प्रतिमाएं लगेंगी. इस बाबत नगर विकास विभाग को अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं. पंचायत चुनाव से पहले जिले की नगर पालिकाओं का सीमा विस्तार होगा. विकास प्राधिकरण बनाने की भी तैयारी चल रही है.
इसके साथ ही माहिष्मती नदी को पुनर्जीवित किया जाएगा. वाराणसी और गोरखपुर की तर्ज पर इंटीग्रेटेड कलेक्ट्रेट बनेगा. प्रमुख सचिव गृह को पीएसी वाहिनी स्थापना का निर्माण कार्य शुरू कराने का निर्देश मिल गया है.