प्रयागराज के पोस्टमार्टम हाउस में अपनों की तलाश में लोग तस्वीरें लेकर पहुंच रहे हैं. हाथों में फोटो और आंखों में आंसू लिए लोग अपने बिछड़े परिजनों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान के लिए करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे, जहां झूसी स्थित क्रिया योग आश्रम के पास कई लोग अपनों से बिछड़ गए. भगदड़ के 72 घंटे बाद भी लोग अपनों की तलाश में भटक रहे हैं.
बिहार के दरभंगा जिले से संगम स्नान के लिए आईं अनुराधा कुमारी भी अपनी 60 साल की मां मिथलेश देवी को ढूंढ़ रही हैं, जो भीड़ में बिछड़ गईं. 72 घंटे बाद भी कोई सुराग न मिलने पर वे पोस्टमार्टम हाउस पहुंचीं, लेकिन वहां भी उनकी मां नहीं मिलीं. रोते हुए अनुराधा की दर्दभरी पुकार थी कि मेला आएं तो अपने साथ कफन लेकर आएं. बिहार के दरभंगा जिले के ग्राम बीकू पत्ती थाना बहेरा से 9 लोग संगम स्नान के लिए आए थे, लेकिन इसी भगदड़ में अनुराधा कुमारी की 60 वर्षीय मां मिथलेश देवी कहीं लापता हो गईं.
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अपनी मां की तलाश में अनुराधा और उनका परिवार प्रयागराज के कोने-कोने में भटक रहा है. पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से बताई गई हर संभावित जगह पर जाकर उन्होंने अपनी मां को ढूंढा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. अब परिवार पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा, जहां उन्हें उम्मीद थी कि शायद उनकी मां के बारे में कोई जानकारी मिल जाए.
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पोस्टमार्टम हाउस में कई लोग अपने परिजनों की तस्वीरें लेकर रोते-बिलखते उनके शवों की पहचान करने पहुंचे हैं. अनुराधा ने भी वहां मृतकों की तस्वीरें देखीं और एक-एक शव की पहचान करने की कोशिश की, लेकिन उनकी मां कहीं नहीं मिलीं. पोस्टमार्टम हाउस के बाहर अनुराधा जोर-जोर से रोने लगीं और प्रशासन से अपनी मां को खोजने की गुहार लगा रही हैं.
रोते हुए अनुराधा ने कहा कि अब कोई भी इस मेले में ना आए, और अगर आए तो अपने साथ कफन लेकर आए. पोस्टमार्टम के बाहर अनुराधा जोर-जोर रो रही हैं और सभी से रिक्वेस्ट कर रही हैं कि हमारी मां को खोजने में मदद करें. प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी, जिससे अफरातफरी मच गई और कई लोग अपने परिवार से बिछड़ गए.