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'हे भगवान ! ये कैसी परीक्षा ले रहे हो तुम...' एक के बाद एक तीसरे बच्चे की हादसे में चली गई जान, लखनऊ के विनोद का दर्द

UP News: एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार के विनोद और मंजू के पांच बच्चे थे. पिंकी, सोनाली, अभिषेक, जया और हर्षित. किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. 17 अप्रैल 2014 को बड़ी बेटी सोनाली की एक हादसे में मौत हो गई. 22 अगस्त 2022 को बेटे अभिषेक की भी एक सड़क हादसे में जान चली गई. अब, जब तीसरी संतान जया की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर घर पहुंची, तो मां-बाप पूरी तरह से टूट गए.

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लखनऊ के विनोद कुमार की बेटी जया की सड़क हादसे में मौत हो गई.
लखनऊ के विनोद कुमार की बेटी जया की सड़क हादसे में मौत हो गई.

'पहले भी दो बच्चों को कंधा दे चुका हैं, हे भगवान ! ये कैसी परीक्षा ले रहे हो तुम, अब किसके लिए हम सब जीएं...'. यह दर्दभरी आवाज है लखनऊ के रहने वाले विनोद कुमार और उनकी पत्नी मंजू की, जिन्होंने राजस्थान में हुए सड़क हादसे में अपनी तीसरी बेटी जया शर्मा को खो दिया.

विनोद कुमार लखनऊ के अमीनाबाद में कॉस्मेटिक की दुकान चलाते हैं. एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार वाले विनोद और गृहिणी मंजू के पांच बच्चे थे. पिंकी, सोनाली, अभिषेक, जया और हर्षित. किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. 17 अप्रैल 2014 को बड़ी बेटी सोनाली की एक हादसे में मौत हो गई. समय के साथ जख्म थोड़ा भरने लगे थे, तभी 22 अगस्त 2022 को बेटे अभिषेक की भी एक सड़क हादसे में जान चली गई. अब, जब तीसरी संतान जया की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर घर पहुंची, तो मां-बाप जैसे फिर से टूट गए. मां मंजू का बस एक ही सवाल था. हे भगवान, आखिर क्यों ? क्यों हमसे ही तीन-तीन बच्चे छीन लिए. 

राजस्थान के बारां में हुआ हादसा 

राजस्थान के बारां में शनिवार रात तेज रफ्तार कार पिकअप से टकरा गई थी. हादसे में लखनऊ के कैसरबाग में शिवाजी मार्ग निवासी नमन चतुर्वेदी (25), उनकी साथी लखनऊ की जया शर्मा, गोरखपुर की अंशिका मिश्रा और दिल्ली के राहुल प्रकाश (30) की मौत हो गई थी. सभी देर रात राजस्थान के कोटा जा रहे थे.

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बताया जा रहा है कि कार की रफ्तार काफी तेज थी. बारां के गजनपुरा में हाईवे पर कार बेकाबू हो गई और आगे चल रही पिकअप से टकरा गई. हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए. उसमें सवार चारों लोग बुरी तरह से फंस गए. चीख पुकार मच गई. राहगीरों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी.  पुलिस ने कार के अगले हिस्से को काट कर चारों को निकला. मगर तब तक नमन, अंशिका और राहुल की मौत हो चुकी थी. जबकि जया की हालत गंभीर होने पर उन्हें कोटा स्थित अस्पताल भेजा गया जहां उन्होंने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

नमन चलाता था कैंटीन 

इस हादसे में जया के साथ अमीनाबाद निवासी नमन चतुर्वेदी की भी जान चली गई. वह कैंटीन चलाता था. नमन अपने माता-पिता का इकलौत बेटा था. नमन के पिता राम कुमार चतुर्वेदी एलडीए से बाबू के पद से रिटायर हुए हैं.  दो भाई बहनों में नमन छोटा था. बड़ी बहन विदम है. नमन के चाचा मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि वो अपने दोस्तों के साथ घूमने गया था. उसने घर पर मां से कानपुर दोस्त के जन्मदिन में जाने की बात कही थी, वहां से सभी राजस्थान निकल गए. बीच रास्ते में यह दुखद हादसा हो गया. नमन के मां-पिता की को किसी तरह इस हादसे की जानकारी दी गई. जैसे ही उन्हें पता चला मां तो बेहोश हो गईं. पिता भी सुधबुध खो बैठे. 

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