उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद की एक झुग्गी में रहने वाली दिहाड़ी मजदूर महिला को आयकर विभाग से 4 करोड़ 88 लाख 37 हजार 927 रुपये का नोटिस मिला है. मामूली मजदूरी कर पेट पालने वाली इस महिला के नाम पर करोड़ों की बोगस बिक्री दिखाकर फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है. यह मामला बेहद चौंकाने वाला है. आयकर विभाग ने इनको 17 अप्रैल तक जवाब देने के लिए समय दिया है.
जानकारी के अनुसार, यह मामला खैरागढ़ इलाके का है. यहां रहने वाली 53 वर्षीय साबरा पत्नी शमसुद्दीन मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट पालती है. बीते 30 मार्च को उसे जो सरकारी डाक मिली, जिसके बाद उसका परिवार सदमे में आ गया.
आयकर विभाग ने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 148A(1) के तहत नोटिस जारी किया है. आरोप है कि 2021-22 के असेसमेंट ईयर में साबरा के नाम पर करोड़ों की बोगस बिक्री दिखाई गई है, यानी ऐसी बिक्री जो असल में हुई ही नहीं. इस लेन-देन के आधार पर आयकर विभाग ने टैक्स जमा करने का नोटिस भेजा है. साबरा का कहना है कि उसे इनकम टैक्स का मतलब तक नहीं पता और वो कभी इतने पैसों के बारे में सोच भी नहीं सकती.

साबरा और उसके पति दोनों दिहाड़ी मजदूर हैं और झुग्गी में रहते हैं. महिला बताती है कि उसके पास पैन कार्ड है, लेकिन उसने कभी किसी को वह नहीं दिया. सवाल उठता है कि मजदूरी करने वाली महिला को पैन कार्ड की जरूरत क्यों पड़ी? क्या किसी ने उसका आधार और पैन कार्ड बनवाकर उसका गलत इस्तेमाल किया?
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साबरा को 1 अप्रैल को यह नोटिस मिला, जो अंग्रेजी में था. वह पढ़ी-लिखी नहीं है, इसलिए डाकिए को अंगूठा लगाकर पावती दी. नोटिस में दिए गए पैन नंबर का इस्तेमाल करोड़ों की लेन-देन में हुआ है, जो कि फर्जी बिक्री का मामला बताया जा रहा है.
सीए और टैक्स एक्सपर्ट आरपी गोयल का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला आधार और पैन के गलत इस्तेमाल का लग रहा है. किसी ने इनके डॉक्यूमेंट्स का उपयोग कर भारी रकम का फर्जी लेन-देन दिखाया है, ताकि टैक्स से बचा जा सके. अब ये मामला कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ेगा, नोटिस मिलने वाली महिला को समय पर जवाब दाखिल करना जरूरी है.
आयकर विभाग ने 17 अप्रैल तक जवाब देने का समय दिया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि एक झुग्गी में रहने वाली मजदूर महिला करोड़ों की लेन-देन की फर्जी कहानी में कैसे उलझ गई? क्या यह कोई बड़ा फर्जीवाड़ा है, जिसमें गरीबों की पहचान का इस्तेमाल हो रहा है? जांच के बाद ही इस साजिश की परतें खुल पाएंगी.
आयकर विभाग द्वारा जो नोटिस दिया गया है, वह बोगस बिक्री (Bogus Sales) के आधार पर दिया गया है. आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम 1961 की धारा 148A(1) के तहत साबरा को नोटिस जारी किया है. नोटिस में यह कहा गया है कि साल 2021-22 के असेसमेंट ईयर में साबरा के नाम पर ₹4 करोड़ 88 लाख 37 हजार 927 रुपये की फर्जी बिक्री दर्ज की गई है, जिसकी वजह से उस पर टैक्स बनता है. 'बोगस बिक्री' का मतलब होता है- ऐसी बिक्री जो वास्तव में नहीं हुई, लेकिन कागजों में दिखाई गई.