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मजदूर को Income Tax डिपार्टमेंट से मिला ₹314 करोड़ का नोटिस, पैरों तले खिसकी जमीन; किराए के मकान में रहता है परिवार

मजदूर चंद्रशेखर ने बताया कि वह रोजाना 200-300 रुपए  की मजदूरी से परिवार चलाता है. चार साल पहले उसने नागपुर की एक बैंक में खाता खोला था, जिसमें वह थोड़े-थोड़े रुपए जमा करता था. बैंक एजेंट ने उसका मोबाइल नंबर लिया, लेकिन वह खाते से लिंक नहीं हुआ. उसे खाते की गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी.

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मजदूर को आयकर विभाग से 314 करोड़ रुपए का नोटिस.
मजदूर को आयकर विभाग से 314 करोड़ रुपए का नोटिस.

MP News: बैतूल जिले में एक मजदूर को आयकर विभाग से 314 करोड़ 79 लाख 87 हजार 883 रुपए का नोटिस मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. किराए के छोटे से मकान में रहने वाले मजदूर के लिए यह नोटिस किसी सदमे से कम नहीं है. नोटिस देखते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई, उनकी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई और परिवार में तनाव छा गया.

दरअसल, मामला तब सामने आया, जब महाराष्ट्र आयकर विभाग ने बैतूल के मुलताई नगर पालिका से अंबेडकर वार्ड निवासी चंद्रशेखर पंडित राव कोहाड़ की अचल संपत्ति की जानकारी मांगी. जांच में पता चला कि जिस जमीन का जिक्र था, वह चंद्रशेखर के नाम पर नहीं, बल्कि आमला के देवठान निवासी मनोहर हरकचंद पुत्र राधेलाल किराड़ के नाम पर दर्ज है. नगर पालिका ने यह जवाब आयकर विभाग को भेज दिया.

चंद्रशेखर ने बताया कि वह रोजाना 200-300 रुपए  की मजदूरी से परिवार चलाता है. चार साल पहले उसने नागपुर की एक बैंक में खाता खोला था, जिसमें वह थोड़े-थोड़े रुपए जमा करता था. बैंक एजेंट ने उसका मोबाइल नंबर लिया, लेकिन वह खाते से लिंक नहीं हुआ. उसे खाते की गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी.

नोटिस के अनुसार, यह टैक्स करीब 3 लाख करोड़ रुपए के लेनदेन पर आधारित हो सकता है. इस खबर से चंद्रशेखर की तबीयत बिगड़ गई और वह नागपुर में इलाज करा रहा है.

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नगर पालिका के कर्मचारियों ने एक सप्ताह तक चंद्रशेखर की खोज की, लेकिन उनकी संपत्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. 

प्रभारी सीएमओ जीआर देशमुख ने कहा, "चंद्रशेखर पंडित राव कोहाड़, निवासी अंबेडकर वार्ड की अचल संपत्ति की जानकारी मांगी गई थी. जांच में पाया गया कि अंबेडकर वार्ड में उनके नाम पर कोई संपत्ति नहीं है. इसका जवाब महाराष्ट्र आयकर विभाग को भेज दिया गया है." 

वहीं, चंद्रशेखर पंडित राव कोहाड़ने कहा, "नोटिस मिलने के बाद मेरा जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मैंने कभी इतनी बड़ी राशि के बारे में सोचा भी नहीं था, जितना टैक्स मुझसे मांगा जा रहा है. इसकी वजह से मुझे प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. मेरी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई है और घर में तनाव का माहौल है. मैं हार्ट पेशंट रोगी हूं, मेरी भी हालत खराब हो गई है."  

उधर, चंद्रशेखर अब महाराष्ट्र आयकर विभाग से संपर्क करने और कानूनी सलाह लेने की कोशिश कर रहा है, ताकि यह पता चल सके कि उसके नाम पर इतना बड़ा टैक्स कैसे निकला. यह मामला जांच का विषय बना हुआ है.

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