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'मुलायम ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा…', अखिलेश यादव पर केशव मौर्य का निशाना

केशव प्रसाद मौर्य और अखिलेश यादव के बीच अक्सर जुबानी जंग देखने को मिलती है. इसी कड़ी में अब केशव ने अखिलेश पर निशाना साधा है. इस बार उन्होंने इशारों में अखिलेश पर कांग्रेस की गुलामी करने का आरोप लगाया है.

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अखिलेश यादव और केशव मौर्य
अखिलेश यादव और केशव मौर्य

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच अक्सर जुबानी जंग देखने को मिलती है. दोनों नेता एक-दूसरे पर तीखे तंज कसते रहते हैं. बीते दिन केशव प्रसाद ने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की तो अखिलेश ने उनपर निशाना साधा. जिसपर अब केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है. 

डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने इस बार समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का भी नाम लिया है. उन्होंने कहा है कि अखिलेश यादव गांधी परिवार के दरबारी बन गए हैं. ये बात नेताजी मुलायम सिंह यादव ने कभी नहीं सोची होगी. 

केशव मौर्य ने किया ये पोस्ट 

केशव प्रसाद मौर्य ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुए लिखा-  धरती पुत्र दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके गुजरने के बाद उनका पुत्र अखिलेश यादव दरबारी बन जाएगा गांधी परिवार का. इससे उनका समाज भी आहत है कि नेताजी का बेटा किसी और की चाकरी करे.

केशव मौर्य ने की सीएम योगी की तारीफ

गौरतलब है कि बीते रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का एक बयान काफी चर्चाओं में रहा. दरअसल, उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की. केशव मौर्य मिर्जापुर के मझवा में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा- दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी जैसा कोई प्रधानमंत्री नहीं और देश में योगी जैसा कोई मुख्यमंत्री नहीं. 

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अखिलेश का केशव पर निशाना 

केशव मौर्य के इस बयान के बाद सपा प्रमुख ने उनपर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने X पर लिखा- कोई ‘उप’ डबल हार के ‘उपहार’ के बाद भी डबल इंजन का प्रशंसा-प्रमाणपत्र बांट रहे हैं. अगर माननीय सही काम कर रहे होते तो दो ‘उप मुख्यमंत्री’ की क्या ज़रूरत पड़ती. इसका मतलब या तो वो सही काम नहीं कर रहे हैं या फिर बाकी दो बेकाम हैं, नाकाम हैं, और उनका काम दरबारी चारण की तरह करना बस स्तुतिगान है. 

बकौल अखिलेश- अगर ‘उप’ सच में उपयोगी होते हैं, तो दिल्ली के मंडल में भी होने चाहिए थे, परंतु हैं नहीं. इसका जवाब देंगे ‘उप’ या रहेंगे ‘चुप’. बता दें कि अखिलेश ‘उप’ शब्द का इस्तेमाल केशव प्रसाद मौर्य के लिए कर रहे थे. 

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