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'मिल्कीपुर में खिलाएंगे कमल, अखिलेश यादव चुनाव का इंतजार करें', बोले केशव प्रसाद मौर्य

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव चुनाव का इंतजार करें, 2017 में हम मिल्कीपुर जीते थे, 2022 में थोड़े अंतर से हार गए थे, इस बार फिर से कमल खिलाएंगे. जनता की अदालत में 2-2 हाथ होंगे, नतीजा हमारे पक्ष में आएगा. 

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अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य
अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य

यूपी उपचुनाव को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव चुनाव का इंतजार करें, 2017 में हम मिल्कीपुर जीते थे, 2022 में थोड़े अंतर से हार गए थे, इस बार फिर से कमल खिलाएंगे. जनता की अदालत में 2-2 हाथ होंगे, नतीजा हमारे पक्ष में आएगा. 

वहीं, महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम दोनों राज्यों में सरकार बनाएंगे और कमल खिलाने का काम करेंगे. अगर बसपा सुप्रीमो मायावती किसी से गठबंधन नहीं करना चाहती तो ये उनके दल का मामला है. बीजेपी का गठबंधन NDA एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है. सपा-बसपा-कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तब भी सर्वाधिक सीटें बीजेपी जीतेगी. अगर ये अलग-अलग लड़ेंगे तब भी सर्वाधिक सीटें बीजेपी जीतेगी. 

प्रदेश की सबसे चर्चित विधानसभा सीट अयोध्या की मिल्कीपुर को लेकर केशव मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव विश्वास रखें ये सीट बीजेपी ही जीतेगी. हम वहां पर कमल खिलाएंगे. उपचुनाव में अधिकांश सीटें हम ही जीतेंगे. वहीं, ईवीएम के सवाल पर डिप्टी सीएम ने कहा कि विपक्षी दल जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम सही है, जब हारते हैं तो मशीन खराब हो जाती है. ये दोहरा चरित्र देश को अस्वीकार है.  

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बकौल केशव मौर्य- विपक्ष के नेताओं ने घड़ियाली आंसू अभी से बहाने शुरू कर दिए हैं. विपक्ष अपनी होने वाली पराजय का ठीकरा ईवीएम पर और चुनाव आयोग पर न फोड़े. जब अखिलेश यादव की पार्टी लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती है तो ईवीएम अच्छी है. वहीं हरियाणा में कांग्रेस हारती है तो ईवीएम खराब है. 

गौरतलब हो कि अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है. बीजेपी के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने अपनी याचिका वापस लेने का ऐलान किया है. उन्होंने 2 साल पहले सपा सांसद अवधेश प्रसाद के खिलाफ लखनऊ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसकी वजह से मिल्कीपुर चुनाव की तारीफ घोषित नहीं हुई थी.

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