काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त बनाने का बड़ा फैसला लिया गया है. अब 10 अगस्त 2025 से कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की प्लास्टिक सामग्री जैसे दूध के पात्र, माला की टोकरी या प्लास्टिक लोटा लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेगा.
सावन के दौरान पहले ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया जा चुका था. अब मंदिर प्रशासन ने यह कदम पर्यावरण को स्वच्छ रखने और धाम को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में उठाया है.
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में बैन होगा प्लास्टिक
यह निर्णय 6 जुलाई को वाराणसी मंडल के आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित समन्वय बैठक में लिया गया था. इसमें सभी स्टेकहोल्डर्स की समस्याएं सुनी गईं और समाधान तय किया गया. मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि फूल और दूध जैसे पूजन सामग्री अब प्लास्टिक के बजाय पर्यावरण के अनुकूल साधनों में लाई जाएं.
10 अगस्त से इस नियम को लागू किया जाएगा
मंदिर न्यास ने पहले ही परिसर को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित किया था. अब 10 अगस्त से कठोर रूप से इस निर्णय को लागू किया जाएगा. नगर निगम वाराणसी भी कांवड़ यात्रा मार्ग को प्लास्टिक मुक्त बनाने में जुटा है. सावन के पूरे माह जागरूकता अभियान जारी रहेगा. मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से भक्तों को सूचित किया जा रहा है कि वे प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें.