Uttar Pradesh News: महोबा जिले की चरखारी तहसील के चंदौली गांव में पीड़ित किसान राघवेंद्र के घर आग लगने से अनाज और गृहस्थी का सारा सामान जलकर राख हो गया. 23 दिन बाद भी जब सरकारी सहायता नहीं मिली, तो किसान ने हल्का लेखपाल रामकुमार से फोन पर संपर्क किया. लेखपाल ने पीड़ित को बताया कि उसे केवल 4000 रुपये का मुआवजा मिलेगा. जब किसान ने तबाही का हवाला देते हुए अधिक मदद की गुहार लगाई, तो लेखपाल ने संवेदनहीनता दिखाते हुए उसे ट्रक के नीचे आकर जान देने की सलाह दी ताकि परिवार को पांच लाख रुपये मिल सकें. चरखारी तहसीलदार ने इस ऑडियो की जांच के आदेश दिए हैं.
तबाही के बाद व्यवस्था का क्रूर मजाक
किसान राघवेंद्र का घर करीब 23 दिन पहले आग की भेंट चढ़ गया था, जिसमें शादी का सामान और जीवन भर की पूंजी जल गई. प्रशासनिक आश्वासन के बावजूद मुआवजे के नाम पर उसे केवल तहसील के चक्कर काटने पड़े.
वायरल ऑडियो में लेखपाल की आवाज स्पष्ट सुनी जा सकती है, जहां वह किसान की मजबूरी का मजाक उड़ा रहा है. लेखपाल ने साफ कहा कि अगर ज्यादा पैसा चाहिए तो किसी ट्रक के नीचे आ जाओ, मर जाओगे तो पांच लाख मिल जाएंगे. यह सुनकर किसान सन्न रह गया.
कागजों में सिमटी संवेदना और 4000 का मुआवजा
चरखारी तहसीलदार आर.एन. मिश्रा ने बताया कि आग लगने की घटना चंद्रपाल (परिजन) के घर हुई थी, जिसका आकलन करने के बाद आंशिक मकान जलने की क्षतिपूर्ति केवल 4000 रुपये तय की गई है. इसी संबंध में पीड़ित के परिजन ने लेखपाल रामकुमार से बात की थी.
तहसीलदार ने स्वीकार किया कि ऑडियो उनके संज्ञान में आया है और इसकी गंभीरता से जांच कराई जा रही है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जांच के बाद नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी.