गाजियाबाद में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को लेकर अब जिला प्रशासन सख्त हो गया है. गाजियाबाद प्रशासन ने एसआईआर के काम में लापरवाही बरतने के आरोप में 21 बीएलओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. मामला साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र का है. निर्वाचन प्रभारी आलोक कुमार यादव की तहरीर पर सिहानीगेट थाने की पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है.
जिन बीएलओ के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उन पर अधिकारियों के निर्देश की लगातार अवहेलना करने और मतदाता प्रपत्र वितरण, हस्ताक्षर संग्रह और डिजिटाइजेशन जैसे मूल काम में लापरवाही बरतने का आरोप है. आरोप यह भी लगाया गया है कि ये बीएलओ वॉट्सऐप मैसेज और फोन कॉल का भी जवाब नहीं दे रहे. इसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया और अब केस दर्ज करा दिया है.
निर्वाचन प्रभारी और नायब तहसीलदार आलोक कुमार यादव ने अपनी तहरीर में कहा है कि यह लापरवाही साधारण नहीं, बल्कि सीधे तौर पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 का उल्लंघन है. लोक प्रतिनिधित्व 1950 की धारा 32 के उल्लंघन पर तीन महीने से दो साल तक जेल की सजा का प्रावधान है.
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तहरीर में सुनीता शुक्ला, रेनु कुमारी, अनुराधा, अर्चना रानी, रीना शर्मा, चंद्रपाल सिंह, मिलिंद कुमार, मनीष सिसोदिया, दिग्विजय सिंह और अजय कुमार के नाम शामिल हैं.
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बीएलओ विनीता, मुकेश कुमार, अंकित नागर, राकेश कुमार, सुशील कुमार, पीयूष शर्मा, अरुण कुमार, अनिल कुमार, शशि प्रभा, शिरीन फातिमा और सुनीता पाल पर भी एसआईआर के काम में लापरवाही का आरोप है. सिहानीगेट थाने की पुलिस ने मामले की जांच उपनिरीक्षक अमन कुमार को सौंप दी है.