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पाकिस्तान की जेल में बंद बांदा के मछुआरों की भावुक लेटर... परिजनों ने भारत सरकार और राहुल गांधी से की घर वापसी की गुहार

पाकिस्तान की जेल में 5 साल से बंद बांदा के मछुआरे चांद बाबू और लक्ष्मण को पाक सुप्रीम कोर्ट ने बरी किया है. पाक सरकार रिहाई के लिए तैयार है, लेकिन भारत की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है. परिजन भारत सरकार और राहुल गांधी से मदद की गुहार लगा रहे हैं ताकि उनके बेटे जल्द घर लौट सकें.

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 लक्ष्मण और चांद बाबू .
लक्ष्मण और चांद बाबू .

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के दो मछुआरे चांद बाबू (26) और लक्ष्मण बीते पांच वर्षों से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. उनका भावुक खत जैसे ही उनके गांव धौंसड़ (थाना तिंदवारी) में परिवार को मिला, घर में खुशी की लहर दौड़ गई. आंखों में आंसू, दिल में उम्मीद और होठों पर एक ही फरियाद 'हमारे बेटे को वापस ला दो.'

जानकारी के मुताबिक, पत्र में लिखा है कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2023 में ही बरी कर दिया था और पाकिस्तानी अधिकारी भी उन्हें रिहा करने को तैयार हैं, लेकिन भारत सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आ रहा है. यह खत गुजरात के रहने वाले पाकिस्तानी जेल से छूटे दो भारतीय युवकों ने उनके परिवार तक पहुंचाया. इसमें चांद बाबू और लक्ष्मण ने सीधे राहुल गांधी से अपील की है कि सरकार के माध्यम से उन्हें घर वापस लाने की पहल की जाए.

बांदा

परिजनों का कहना है कि उन्होंने डीएम से लेकर मंत्रालय तक हर जगह गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला. ग्राम प्रधान रामप्रकाश ने बताया कि पंचायत स्तर से भी पत्र भेजे गए हैं. अगर सरकार प्रयास करे, तो दोनों को सुरक्षित घर लाया जा सकता है. दरअसल, घटना 5 साल पहले की है, जब दोनों युवक गुजरात में मछली पकड़ने गए थे.

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बांदा

तेज हवाओं में बहती नाव पाकिस्तान सीमा में पहुंच गई और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद से दोनों कराची की जेल में हैं. अब जब यह पत्र आया है, परिवार खुश तो है लेकिन सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर अब भी सरकार ने कदम नहीं उठाया तो कहीं देर न हो जाए. उनके लिए यह सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं, अपने बच्चों के जीवन का सवाल है.

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