
यूपी की राजधानी में लखनऊ में भरत कुमार नाम के डिलीवरी बॉय की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. भरत एक ग्राहक के पास ऑनलाइन ऑर्डर किए गए मोबाइल फोन की डिलीवरी के लिए गया था. मगर वहां ग्राहक ने साथियों संग मिलकर उसकी हत्या कर दी फिर शव को डिलीवरी बैग में भरकर इंदिरा नहर में फेंक दिया. ये हत्या इसलिए की गई ताकि भरत को पैसे ना देने पड़े. क्योंकि, मोबाइल कैश ऑन डिलीवरी के माध्यम से मंगाया गया था.
शिकायत के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और बीते दिन दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, मुख्य आरोपी गजानन अभी भी फरार है. वहीं, मृतक भरत कुमार के शव की तलाश जारी है. एसडीआरएफ नहर में तलाशी अभियान चला रही है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आखिरी बार डिलीवरी बॉय भरत की बात गजानन नाम के शख्स से हुई थी. गजानन ने ही ऑर्डर रिसीव करने के लिए उसे चिनहट की डोडा कॉलोनी (बाबा हॉस्पिटल) के पास बुलाया था. जहां उसने अपने साथी संग मिलकर भरत का गला घोंट दिया और मोबाइल व पैसे लूटकर शव को नहर में फेंक दिया.
पेमेंट ना करना पड़े इसलिए भरत को मार डाला!
24 सितंबर को डिलीवरी के लिए हत्यारोपी गजानन से भरत की दोपहर 11 बजे बात हुई थी. इस दौरान गजानन ने उसे 12 बजे कॉल करके आने को कहा था. हत्या से पहले भरत अपने घर से खाना खाकर बाइक से निकला था. लेकिन ढाई बजे के बाद उसका फोन बंद हो गया. सीसीटीवी में भरत को आखिरी बार ढाई बजे के करीब ही देखा गया था.

पुलिस ने बताया कि भरत घर से डिलीवरी के लिए निकला था लेकिन जब वो वापस घर नहीं लौटा तो उसके परिजनों ने 25 सितंबर को चिनहट थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने जब भरत के मोबाइल की लोकेशन और कॉल डिटेल की जांच की तो पाया उसने आखिरी कॉल गजानन को थी. इस सुराग के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची.
बताया जा रहा है कि गजानन ने अपने साथी हिमांशु और आकाश के फोन से गूगल पिक्सल और वीवो का मोबाइल ऑर्डर किया था, जिसकी कीमत एक लाख के करीब थी. डिलीवरी के लिए गजानन ने हिमांशु और आकाश के ही फोन से कॉन्फ्रेंस कॉल पर भरत से बात की थी. इसी दौरान उसने भरत को अपना नंबर दिया और कुछ देर बाद ऑर्डर रिसीव करने के लिए उसे तय जगह पर बुलाया. जैसे ही भरत वहां पहुंचा, गजानन ने साथी संग मिलकर उसकी हत्या कर दी फिर शव को वहां से करीब 12-15 किमी दूर इंदिरा नहर में फेंक दिया.
कॉल डिटेल और लोकेशन से पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई. हालांकि, गजानन अभी पकड़ से दूर है. हिमांशु और आकाश पकड़े गए हैं. उन्होंने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है.
मृतक के भाई का बयान
मृतक के भाई ने बताया कि मुख्य आरोपी गजानन ने दो महीने तक भरत के साथ एक ही कंपनी में काम किया था. दोनों में ना तो दोस्ती थी और ना ही कभी कोई विवाद हुआ. हां, गजानन ने उस कंपनी में करीब ढाई लाख रुपये का हेरफेर जरूर किया था. उसके पास से काफी सामान मिला था. इस वजह से उसे नौकरी से निकाल दिया गया था. अभी वह हार्डवेयर की छोटी सी दुकान चलाता है जबकि आकाश कॉरपोरेटर है.

गौरतलब है कि जिस जगह पर हत्या की वारदात हुई वहां से चिनहट पुलिस थाना लगभग 2-3 किलोमीटर की दूरी पर है. वहीं, शव को जिस नहर में फेंका गया वो घटनास्थल से लगभग 12 से 15 किलोमीटर दूर है. ऐसे में पुलिस की पेट्रोलिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं. फिलहाल, एसडीआरएफ की टीम शव खोजने के लिए इंदिरा नहर में सर्च ऑपरेशन चलाए हुए है.
फोन के लिए मर्डर
मालूम हो कि 24 सितंबर घटना वाले दिन भरत चिनहट के देवा रोड स्थित हिमांशु नामक शख्स के घर के पास पहुंचा था. उसके पास तब 49 ग्राहकों का सामान डिलीवरी के लिए था. डीसीपी ईस्ट शशांक सिंह के मुताबिक, दो फोन खरीदे गए थे. इनमें से एक 45,000 रुपये का वीवो फोन था और दूसरा 50,000 रुपये का Android फोन (गूगल पिक्सल) भी था.
भरत ने डिलीवरी के लिए हिमांशु को कॉल किया, तो उसने अपने साथी गजानन से बात कराई. बाद में भरत ने गजानन को सीधे कॉल किया. इसी कॉल की जानकारी के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची. पुलिस ने दो आरोपियों, हिमांशु और आकाश को हिरासत में लेकर पूछताछ की है, जबकि तीसरा मुख्य आरोपी गजानन अभी फरार है.