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Varanasi: धोती-कुर्ता और तिलक... क्रिकेट मैदान में उतरे वेदपाठी बटुक, मुस्लिम भी देखने पहुंचे अनोखा मैच

Varanasi News: संस्कृत और वेद की शिक्षा लेने वाले छात्रों की टीमों ने पारंपरिक वेशभूषा में खूब चौके-छक्के जमाए. संस्कृत भाषा के उत्थान के क्रम में क्रिकेट मैच के दौरान कमेंट्री भी संस्कृत में ही की गई. 

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वाराणसी: क्रिकेट खेलते बटुक
वाराणसी: क्रिकेट खेलते बटुक

वाराणसी के संपूर्णानंद खेल मैदान में चोटी धारी वेदपाठी छात्र पारंपरिक वेशभूषा में क्रिकेट खेलते नजर आए. संस्कृत और वेद की शिक्षा लेने वाले छात्रों की टीमों ने पारंपरिक वेशभूषा में खूब चौके-छक्के जमाए. संस्कृत भाषा के उत्थान के क्रम में क्रिकेट मैच के दौरान कमेंट्री भी संस्कृत में ही की गई. 

वर्ष 2022 में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपने 'मन की बात' में काशी के इस अनोखे संस्कृत क्रिकेट मैच की तारीफ की थी. खास बात यह है कि इस बार इस क्रिकेट मैच को देखने के लिए मुस्लिम समुदाय के युवक भी पहुंचे थे. उन्होंने मैच को खूब एन्जॉय किया. 

मैच देखते मुस्लिम युवक

दरअसल, शास्त्रार्थ महाविद्यालय की ओर से शुक्रवार (16 फरवरी) को रामापुरा स्थित जयनारायण इंटर कालेज में इस क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें धोती पहने, तिलक-चंदन लगाए वेदपाठी बटुक खिलाड़ी के तौर पर मैदान में उतरे. इस दौरान चोटीधारी बटुकों ने जमकर चौके-छक्के लगाए. मैच की कमेंट्री संस्कृत में की गई. 

इस अनोखे क्रिकेट प्रतियोगिता का मकसद था संस्कृत भाषा का संवर्धन और यह साबित करना कि संस्कृत और वेद पढ़ने वाले छात्र किसी भी मायने में कम नहीं है. कार्यक्रम संयोजक और शास्त्रार्थ महाविद्यालय के प्राचार्य पवन कुमार शुक्ल ने बताया कि यह अनोखा आयोजन सिर्फ काशी में आयोजित होता आ रहा है, जिसकी प्रशंसा पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में की थी. 

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पवन कुमार शुक्ल के मुताबिक, मैच में सारे नियम लगभग किसी अंतर्राष्ट्रीय मैच के ही समान होते हैं. एक दिन के इस मुकाबले में कुल चार टीमें नॉक आउट आधार पर खेल रही हैं. जिसमें श्री शास्त्रार्थ माहाविद्यालय, इंटरनेशनल चंद्रमौली चैरिटेबल संस्कृत संस्थान, चल्ला शास्त्री वेद-वेदांग संस्कृत विद्यालय और महर्षि महेश योगी संस्थान के वेदपाठी छात्र शामिल रहे. 

संस्कृत के छात्रों ने मंगलाचरण व वेद मंत्रों का पाठ करते हुए मैदान में प्रवेश किया. तिलकधारी व चुटियाधारी धोती-कुर्ता में क्रिकेटरों को देखकर दर्शक दीर्घा में बैठे सभी रोमांचित हो गए. चौके-छक्कों पर तो सभी ने जोरदार तालियां भी बजाईं. इस दौरान दर्शक दीर्घा में मुस्लिम समाज के युवक भी पहुंचे थे.

वहीं, क्रिकेट खेल रहे छात्रों ने बताया कि पिछले 13 वर्षों से होने वाले इस खेल को अब प्रदेश, देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने की जरूरत है. हमें मौका मिले तो हम खुद को साबित कर सकते हैं. 

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