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UP के इस जिले में SHO, एसओजी प्रभारी समेत 6 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज, जाने क्या है पूरा मामला

बांदा में SHO, 2 एसओजी प्रभारी समेत 6 पुलिसकर्मियों पर हत्या की कोशिश का मामला कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ है. पुलिस अधिकारी का कहना है कि मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. मामले को लेकर विवेचना की जा रही है. जो भी सच्चाई सामने आएगी, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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प्रतीकात्मक फोटो.
प्रतीकात्मक फोटो.

उत्तर प्रदेश के बांदा में SHO, 2 एसओजी प्रभारी समेत 6 पुलिसकर्मियों पर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज हुआ है. इन पुलिसकर्मियों पर डकैती की घटना में एक शख्स पर जबरन जुर्म कबूल कराने और पिटाई का आरोप लगा है. पुलिस अफसरों के सुनवाई न करने पर पीड़ित ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां शिकायत की, जिसके आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है.

क्या था मामला ? 

दरअसल, थाना मरका क्षेत्र में 23 फरवरी 2021 को डकैती की घटना हुई थी. पुलिस ने पूछताछ के लिए गांव के कुछ लोगों को हिरासत में लिया था. तीन दिन तक थाना में रखा. इसको लेकर ही पुलिस अधिकारियों पर आरोप है कि सभी के साथ बेरहमी से मारपीट की गई और फिर छोड़ दिया. पीड़ित ने ये भी आरोप लगाया कि उसको दो दिन बाद फोन करके फिर बुलाया और उसके साथ मारपीट इतनी हुई कि सख्स की जीभ कट गई थी.

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'पुलिस ने किसी के कहने पर ऐसा किया'

घायल अवस्था में पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे कानपुर रेफर कर दिया गया. उसके जीभ में कई टांके लगे हैं. पीड़ित का कहना है उसके साथ ज्यादती की गई. वह बेकसूर था. उसका डकैती की घटना से कोई मतलब नहीं था. पुलिस ने किसी के कहने पर ऐसा किया था. पुलिस ने जब मामले में खुलासा किया, तो उसका नाम नहीं था. 

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'मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर FIR दर्ज'

पीड़ित सख्स जब स्वस्थ हुआ, तो उसने बांदा थाना से लेकर लखनऊ के पुलिस अफसरों तक शिकायत कर कार्रवाई की गुहार लगाई, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. अंत में उसने कोर्ट का सहारा लिया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद SHO सहित, दो एसओजी प्रभारी कुल 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 326/ 308 का मुकदमा दर्ज हुआ है. पुलिस अब अपने ही पुलिस अफसरों की जांच में जुटी हुई है. 

मामले में पुलिस ने कही ये बात

SHO मरका नरेश कुमार प्रजापति ने बताया कि मामला संज्ञान में है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद मामला दर्ज हुआ है. मामले में विवेचना की जा रही है. जांच के दौरान, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मामला पुराना है. यदि सच्चाई होती, तो उसी समय मुकदमा दर्ज किया जाता. अब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदय का आदेश के बाद अभियोग पंजीकृत किया गया है.

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