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बलरामपुर में 14 ग्राम पंचायत अफसरों का तबादला... छांगुर बाबा के गढ़ से भी अफसर को हटाया गया

यूपी के बलरामपुर में सामने आ रहे लैंड जिहाद और धर्मांतरण के मामलों को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. इन संवेदनशील शिकायतों को लेकर जिले के 14 ग्राम पंचायत अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में फेरबदल किया गया है. प्रशासन का कहना है कि पंचायत स्तर पर पारदर्शिता के लिए यह फैसला लिया गया है.

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छांगुर बाबा के गढ़ से अफसर का तबादला. (File Photo: ITG)
छांगुर बाबा के गढ़ से अफसर का तबादला. (File Photo: ITG)

यूपी के बलरामपुर में लैंड जिहाद और जबरन धर्मांतरण जैसी घटनाओं की शिकायतों के बाद जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. जिले के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु गुप्ता ने बलरामपुर में तैनात 14 ग्राम पंचायत अधिकारियों (GPOs) के कार्यक्षेत्र में फेरबदल किया है. 

प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, बलरामपुर के उतरौला, गैसड़ी, श्रीदत्तगंज, हरैया सतघरवा और गैड़ासबुजुर्ग जैसे इलाकों से लगातार धर्मांतरण और लैंड जिहाद जैसी शिकायतें मिल रही थीं. इन इलाकों में जमीनों पर अवैध कब्जा, समुदाय विशेष के पक्ष में प्रशासनिक नरमी और युवाओं को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने जैसे मामलों को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ रहा था.

यह भी पढ़ें: कौन-कौन अफसर बने छांगुर बाबा की काली कमाई के हिस्सेदार? अवैध धर्मांतरण केस में एजेंसियां सख्त

अवैध धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के मामले में घिरे छांगुर बाबा का गढ़ माने जाने वाले उतरौला क्षेत्र में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी को विशेष रूप से हटाया गया है. इसी तरह गैड़ासबुजुर्ग, जो छांगुर बाबा का पुश्तैनी घर रहा है, वहां से भी अधिकारी का तबादला किया गया है.

किन-किन अधिकारियों के किए गए तबादले

  • उमाशंकर पाल: उतरौला से हरैया सतघरवा
  • शंभू दयाल: उतरौला से श्रीदत्तगंज
  • रंजीत कुमार आजाद: श्रीदत्तगंज से उतरौला
  • राम अचल: हरैया सतघरवा से उतरौला
  • राधेश्याम यादव: गैड़ासबुजुर्ग से गैसड़ी
  • प्रवीण कुमार गुप्ता: श्रीदत्तगंज से हरैया सतघरवा
  • मुकेश कुमार: उतरौला से गैसड़ी
  • मनोज कुमार गौतम: गैसड़ी से श्रीदत्तगंज

इनके अलावा अन्य अधिकारियों के भी कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है, जिससे प्रत्येक क्षेत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाई जा सके. सीडीओ हिमांशु गुप्ता के मुताबिक, तबादले एक नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत किए गए हैं, ताकि पंचायत स्तर पर संचालन को बेहतर बनाया जा सके. हालांकि, अधिकारियों के स्थानांतरण से यह भी स्पष्ट होता है कि संवेदनशील मामलों में प्रशासन अब गंभीर है.

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