समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता आजम खान 23 महीने बाद 23 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए थे. लेकिन आजम की मुसीबतों का अभी अंत नहीं है. आजम की रिहाई को अभी दो महीने भी नहीं हुए थे, कि उन्हें फिर से जेल जाना पड़ गया. आजम खान को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र और दो पैन कार्ड के मामले में सात साल की सजा हुई है.
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी राकेश कुमार मौर्या ने कहा कि अब्दुल्ला आजम के दो पैनकार्ड प्रकरण में कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को 420, 467, 468, 471 आईपीसी व 120 बी का दोषी माना है. दोनों लोगों को सात-सात साल की कैद व 50-50 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है, सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
कोर्ट ने आजम खान को इस मामले में सात साल जेल की सजा सुनाई है. अभी भी पासपोर्ट केस बाकी है. आजम खान पासपोर्ट बनवाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किए जाने के आरोप में दर्ज मामले में भी आरोपी हैं. ऐसे में लंबे समय के लिए उनका जेल से बाहर रह पाना मुश्किल ही है.
आजम खान पर केस की लंबी फेहरिश्त
आजम खान के खिलाफ कुल 104 मुकदमे दर्ज किए गए थे. इनमें से 93 मुकदमे रामपुर में ही दर्ज हैं, जिसमें से 11 मुकदमे राजस्व के हैं. आजम के खिलाफ दर्ज 104 में से एक दर्ज से अधिक मामलों में फैसला आ चुका है. कुछ में उन्हें सजा हुई है, तो कुछ मामलों में वह बरी भी हुए हैं.
आजम के खिलाफ अब भी 80 से ज्यादा केस पेंडिंग हैं. पेंडिंग मामलों में पासपोर्ट बनवाने के लिए फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का मामला भी है. कोर्ट ने जिस आधार पर जन्म प्रमाण पत्र और पैन कार्ड मामले में सात-सात साल की सजा सुनाई है, उसी से जुड़ा हुआ पास्पोर्ट का भी मामला है.
आजम और उनके बेटे पर कैसे कसा शिकंजा
दरअसल, 2017 का विधानसभा चुनाव होना था. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की उम्र चुनाव लड़ने की नहीं थी. ऐसे में अब्दुल्ला आजम की उम्र बढ़ाकर जन्म प्रमाण पत्र बनवाया गया. अब्दुल्ला आजम 2017 का चुनाव लड़े और जीतकर विधायक भी बन गए, लेकिन इस मामले को लेकर आकाश सक्सेना ने अदालत में केस दायर कर दिया. कोर्ट ने जन्म प्रमाण पत्र मामले में अब्दुल्ला आजम के साथ आजम खान को भी दोषी मानते हुए सजा सुनाई,
यह भी पढ़ें: 'सत्ता के गुरूर में नाइंसाफी, जुल्म की हदें...', आजम खान-अब्दुल्ला के जेल जाने पर अखिलेश का पोस्ट
जन्म प्रमाण के मामले में अब्दुल्ला आजम सिर्फ चुनाव ही नहीं लड़े बल्कि दो पैनकार्ड भी बनवा लिए. यह दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों से ही बनवाए गए थे और पासपोर्ट भी बनवाया गया. अब्दुल्ला के नामांकन दाखिल करते ही आजम के सियासी विरोधियों ने घेराबंदी शुरू कर दी थी. नामांकन के अगले ही दिन अब्दुल्ला की जन्म तिथि पर विवाद हो गया था.
यह भी पढ़ें: फिर मुश्किल में आजम खान, पैन कार्ड केस में कोर्ट ने बेटे के साथ ठहराया दोषी
सियासी विरोधी सक्रिय हुए तो एक के बाद एक झूठ की बुनियाद पर सियासत की सीढ़ी बनाने वाले आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला की परत-दर-परत खुलने लगी. पहले दो जन्म प्रमाणपत्र और दो पासपोर्ट के बाद दो पैन कार्ड का मुद्दा गर्माया. जन्म प्रमाण पत्र और पैन कार्ड का मामला अदालत में साबित भी हो गया और पासपोर्ट का मामला अब भी पेंडिग है.
आजम खा को किस मामले में कब हुई सजा
साल 2022- आजम खान को 2019 के लोकसभा चुनाव के समय प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया था. इस मामले में आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई गई थी.
साल 2023- आजम खान को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई.
साल 2024- डुंगरपुर में जबरन जमीन बेदखली के मामले में रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को 10 साल की सजा सुनाई.
साल 2024- आजम खान को सड़क जाम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में दो साल की सजा सुनाई गई.
साल 2024- मशीन चोरी के मामले में कोर्ट ने आजम खान को सात साल की सजा सुनाई.
गौरतलब है कि आजम खान के साथ ही उनके पुत्र और अन्य परिजनों को भी मिला लें, तो कुल करीब पौने दो सौ मामले दर्ज हैं. इनमें से करीब दर्जनभर मामलों में ही अभी फैसला आया है. ऐसे में देखें तो करीब 150 से अधिक मामलों में अभी सुनवाई चल ही रही है. इनमें पासपोर्ट बनवाने के लिए फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का केस भी शामिल है.