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आगरा पुलिस का थर्ड डिग्री टॉर्चर! जुर्म कबूल करवाने के लिए आरोपी के दोनों पैर तोड़ डाले, उल्टा लटकाकर डंडे बरसाए; ACP-दारोगा समेत 3 पर एक्शन

आगरा के थाना किरावली में हत्या के मामले में पूछताछ के दौरान युवक राजू को 'थर्ड डिग्री' देने का आरोप लगा है. पीड़ित का दावा है कि पुलिसिया बर्बरता से उसके दोनों पैर टूट गए और उसे उल्टा लटकाकर पीटा गया. हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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आगरा पुलिस की बर्बरता का शिकार राजू अस्पताल में भर्ती (Photo: ITG)
आगरा पुलिस की बर्बरता का शिकार राजू अस्पताल में भर्ती (Photo: ITG)

Uttar Pradesh News: आगरा पुलिस कमिश्नरेट के थाना किरावली से सामने आए एक सनसनीखेज मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस पर हत्या के एक केस में पूछताछ के दौरान युवक को थर्ड डिग्री टॉर्चर दिए जाने का आरोप लगा है. पीड़ित 35 वर्षीय युवक राजू ने पुलिस पिटाई से दोनों पैर टूटने का दावा किया गया है, जिसे हालत बिगड़ने पर निजी वाहन से अस्पताल में भर्ती कराया गया.

पीड़ित राजू का आरोप है कि हत्या का जुर्म कबूल कराने के लिए उसे दो दिनों तक लगातार अमानवीय यातनाएं दी गईं. उसने बताया कि पूछताछ के नाम पर पैरों पर डंडे मारे गए, उसे उल्टा लटकाया गया और बेहोश होने तक पीटा गया. लगातार पिटाई से उसकी हालत बिगड़ती चली गई, जिसके बाद पुलिस ने उसे चुपचाप निजी गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया.

यह पूरा मामला 6 जून को थाना किरावली क्षेत्र में किसान वनवीर सिंह की संदिग्ध मौत से जुड़ा है. मृतक के गले पर निशान मिलने के बाद पुलिस ने हत्या की आशंका जताई थी. इसी मामले में पुलिस ने गांव के ही रहने वाले राजू को 20 दिसंबर को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था. आरोप है कि इसी दौरान उसके साथ बर्बरता की गई. मामला सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. 

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आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी करते हुए बताया कि घटना के संबंध में तत्काल प्रभाव से थाना किरावली के थानाध्यक्ष, एक उपनिरीक्षक और एक बीट आरक्षी समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं अछनेरा के एसीपी राम प्रवेश गुप्ता का स्थानांतरण कर दिया गया है.

पुलिस कमिश्नरेट के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह द्वारा की जा रही है.  जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की सख्त कार्रवाई किए जाने की बात कही गई है.

फिलहाल, पीड़ित अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत पर डॉक्टरों की नजर बनी हुई है. यह मामला न सिर्फ पुलिसिया पूछताछ के तरीकों पर सवाल खड़े कर रहा है, बल्कि कानून के रखवालों की जवाबदेही और मानवाधिकारों के पालन को लेकर भी गंभीर बहस छेड़ रहा है.

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