यूपी के संभल जिले में 1978 को हुए सांप्रदायिक दंगे के मामले में जिला प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है. इस रिपोर्ट में 1978 के दंगे में कितने लोगों पर एफआईआर हुई, दर्ज मुकदमों की वर्तमान स्थिति क्या है, कितने अभियुक्तों को सजा मिली आदि चीजों की जानकारी देनी होगी. रिपोर्ट को एक हफ्ते के भीतर सबमिट करना होगा.
दरअसल, 1978 में उस समय के मुरादाबाद के संभल कस्बे में हुए दंगे पर बीते दिसंबर महीने में शीतकालीन सत्र के दौरान बीजेपी एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने सवाल पूछा था. बीजेपी एमएलसी ने 17 दिसंबर को विधान परिषद में 1978 के दंगे में कार्रवाई को लेकर जवाब मांगा था. जिसपर उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने संभल के डीएम व एसपी से आख्या (स्टेटस रिपोर्ट) मांगी थी. एक सप्ताह में यह रिपोर्ट संभल जिला प्रशासन के द्वारा शासन को भेजनी है.
आपको बता दें कि 1978 में हुए दंगे में कितनी FIR हुई, कितने लोग गिरफ्तार हुए थे, दर्ज मुकदमों का वर्तमान में स्थिति क्या है, कितने अभियुक्तों को अदालत से सजा मिली, पीड़ित परिवारों को क्या मुआवजा मिला, दंगा क्यों हुआ आदि बातों का जवाब अपनी आख्या में संभल जिला प्रशासन को देना है.
गौरतलब हो कि इन सबके बीच संभल में 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगे की फाइल रिओपन करने और फिर से जांच शुरू करने की खबर सामने आई थी. हालांकि, SP केके बिश्नोई ने एक बयान जारी कर साफ किया कि संभल में 1978 में जो दंगे हुए थे उसमें कोई जांच नहीं हो रही है. ये भ्रामक है कि संभल प्रशासन 1978 के दंगों के केस में कोई जांच कर रहा है. एसपी ने कहा कि बीजेपी एमएलसी ने 1978 दंगों के बारे में रिपोर्ट मांगी थी, हम वो रिपोर्ट एक हफ्ते के अंदर दे देंगे.
मालूम हो कि सन 1978 में संभल की जामा मस्जिद के मौलवी की हत्या के बाद भड़के दंगे में 184 लोग मारे गए थे. करीब 2 महीने तक संभल में कर्फ्यू लगा रहा था. हाल ही में जब संभल में 46 साल बाद कार्तिकेय महादेव मंदिर का ताला खुला तो कई दंगा पीड़ित लोग वहां दर्शन करने पहुंचे थे. इस दौरान पीड़ितों ने अपनी आपबीती सुनाई थी.