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मौत को छूकर लौटी महिला का अनुभव, ईश्वर पर बढ़ा भरोसा...रोंगटे खड़े कर देगी कहानी!

क्या मौत के बाद कोई नई जिंदगी है? यह सवाल सदियों से इंसान को परेशान करता रहा है. लेकिन यह कहानी है नैन्सी की, जो शिकागो के एक छोटे से परिवारिक फार्म में पली-बढ़ीं. उनके लिए मौत के बाद की जिंदगी जैसे सवाल मायने नहीं रखते थे. ईश्वर का अस्तित्व उनके लिए एक बेमानी बात थी; उनके लिए जो कुछ था, वह यही जिंदगी थी, इसके बाद कुछ नहीं.

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 मौत को छूकर लौटी महिला ने शेयर किया एक्सपियरेंस  Image-Meta AI
मौत को छूकर लौटी महिला ने शेयर किया एक्सपियरेंस Image-Meta AI

क्या मौत के बाद कोई नई जिंदगी है? यह सवाल सदियों से इंसान को परेशान करता रहा है. लेकिन यह कहानी है नैन्सी की, जो शिकागो के एक छोटे से परिवारिक फार्म में पली-बढ़ीं. उसके लिए मौत के बाद की जिंदगी जैसे सवाल मायने नहीं रखते थे. ईश्वर का अस्तित्व उनके लिए एक बेमानी बात थी; उनके लिए जो कुछ था, वह यही जिंदगी थी, इसके बाद कुछ नहीं.

लेकिन एक भयानक हादसे ने नैन्सी के इस यकीन को डिगा दिया. आज उनकी जिंदगी एक नई दिशा में मोड़ चुकी है, और वो अब ईश्वर में भी यकीन करती हैं. अपने यूट्यूब चैनल 'कमिंग होम' पर उन्होंने अपने नास्तिक से आस्तिक बनने की दिलचस्प कहानी शेयर की, जिसमें ऐसे पहलुओं का जिक्र है जो विज्ञान के लिए असंभव माने जाते हैं.

कैसे बदली नैन्सी की जिंदगी नैन्सी की जिंदगी

डेली पोस्ट के मुताबिक नैन्सी की जिंदगी का ये मोड़ तब आया जब वह 46 साल की थीं. उनकी एसयूवी एक भयावह हादसे का शिकार हो गई, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आईं. यह एक्सीडेंट इतना भयंकर था कि उनके फेफड़े धंस गए, और उनकी पीठ व सिर में गहरी चोटें आईं. एक हड्डी भी टूटी, पांच पसलियां टूट गईं, और एक फेफड़ा पूरी तरह धंस गया.

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कौन था वो रहस्यमयी शख्स

डॉक्टरों ने उनकी जिंदगी बचाने के लिए सर्जरी करने का फैसला किया. किसी को नहीं पता था कि क्या वह इस खतरनाक हादसे से वापस लौट पाएंगी. जैसे ही डॉक्टरों की टीम ने उन्हें बेहोश किया, नैन्सी ने एक अद्भुत अनुभव किया. अचानक, वह एक धुंधली दुनिया में थीं, जहां एक रहस्यमयी शख्स उनके पास आया और बोला-तुम्हें अभी और जिंदगी जीनी है.

नैन्सी ने कहा की मुझे अब और जिंदगी नहीं चाहिए. लेकिन उस धुंध से आवाज आई-तुम्हें अपने जीवन के अर्थ को समझना और दूसरों को भी सिखाना है.

फिर, एक जादुई फिल्मी स्क्रीन उनके सामने आ गई, जिसमें उन्होंने अपने लाइफ का प्लान बनाते हुए खुद को देखा. उस धुंध ने उन्हें एक घाटी में ले जाकर एक तालाब को छूने के लिए कहा. जब नैन्सी ने पानी की लहरों के ऊपर छोटे-छोटे वीडियो जैसे पल देखे, तो उन्होंने महसूस किया कि जब भी उन्होंने किसी से कुछ कहा या किया, उसका असर न केवल उन पर, बल्कि दूसरों पर भी पड़ा.

उस पल में, नैन्सी ने जाना कि हर एक काम का असर होता है. वह फिर से अपने जीवन के उन पल को जी रही थीं, लेकिन इस बार दूसरों के नजरिये से. इस अनुभव ने उनकी सोच को पूरी तरह से बदल दिया. अब, वह जीवन को एक नए नजरिए से देखने लगी हैं.

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