आम तौर पर लोग हेयरकट या किसी हेयर ट्रीटमेंट के लिए सैलून जाते हैं. कई बार यहां कोई प्रोफेश्नल उनके बालों को ज्यादा काट दे तो विवाद हो जाता है. या फिर कोई खराब प्रोडक्ट लगाए जाने से किसी के बालों पर रिएक्शन हो जाए तो भी विवाद हो जाता है. लेकिन हाल में एक हैरान करने और डरा वाला केस सामने आया था. दरअसल, हेयरट्रीटमेंट के लिए गई महिला जब लौटी तो वह अपनी किड्नी को काफी नुकसान पहुंचा चुकी थी.
26 साल की ट्यूनेशिया की महिला को सैलून जाने के चलते किड्नी में 3 इंजरी हो गईं. इस महीने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक आर्टिकल के अनुसार फ्रांसीसी डॉक्टरों द्वारा संपादक को लिखे पत्र में बालों को स्मूद करने और स्ट्रेट करने वाले कुछ उत्पादों को किडनी इंजरी से जोड़ा गया था.
केस स्टडी में महिला को पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी. जब वह डॉक्टर के पास पहुंची तो वह उल्टी, बुखार, दस्त और पीठ दर्द से पीड़ित थी. आर्टिकल में बताया गया, 'सीवियर किडनी इंजरी उसी दिन उसी सैलून में हेयर ट्रीटमेंट के बाद हुई थी. महिला ने बताया की हेयर ट्रीटमेंट के पूरे प्रोसीजर के दौरान उसे जलन हो रही थी, जिसके बाद उसकी खोपड़ी में अल्सर हो गया.'
जांच करने पर, मेडिकल स्टाफ ने पाया कि उसके ब्लड में प्लाज्मा क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ा हुआ था. प्लाज्मा क्रिएटिनिन एक वेस्ट प्रोडक्ट है जो मांसपेशियों से आता है - जब यह ब्लड में प्रवेश करता है, तो इसे गुर्दे द्वारा फ़िल्टर किया जाता है. जब महिला सैलून गई तो हेयर स्टाइलिस्ट ने उसके बालों पर एक क्रीम लगाई थी जिसमें 10% ग्लाइऑक्सिलिक एसिड होता है. रिसर्चर्स का मानना है कि वह इस कैमिकल से ही किडनी को नुकसान पहुंचाता है.
तर्क दिया गया है, 'ये परिणाम सबूत देते हैं कि ग्लाइऑक्सिलिक एसिड युक्त हेयर स्ट्रेटनिंग क्रीम ही इसके लिए ज़िम्मेदार है.' बता दें कि ग्लाइऑक्सिलिक एसिड का पेटेंट कराया गया था और इसे हाल ही में बालों को सीधा करने वाले उत्पादों में फॉर्मेल्डिहाइड युक्त फॉर्मूलेशन के सुरक्षित विकल्प के रूप में पेश किया गया था.
2022 में, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के एक अध्ययन ने सुझाव दिया थी कि कैमिकल हेयर-स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट महिलाओं में गर्भाशय कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं. शोधकर्ताओं ने उत्पादों में अंतःस्रावी-विघटनकारी रसायनों की ओर इशारा किया था.