
भारतीय समाज में शादी का काफी महत्व है. इसे एक पवित्र बंधन कहा जाता है. ये केवल दो लोगों का नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन है. दूल्हा-दुल्हन जीवनभर एक दूसरे का साथ निभाने का वचन लेते हैं. शादी का सांस्कृतिक महत्व भी है.
बीते साल आई एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारत में तलाक की दर काफी कम है. यहां केवल एक फीसदी शादी ही तलाक की कगार तक पहुंचती हैं. लेकिन आज के इस वक्त में लोग सोशल मीडिया पर अपने अनुभव भी साझा करने लगे हैं. जिनमें कई ऐसे होते हैं, जिनमें लोग शादी में खुश नहीं होने की बात कहते हैं.

खासतौर पर रेडिट जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग इस तरह के अनुभव शेयर करते हैं. हालांकि तलाक की दर पहले से अधिक बढ़ी है. ऐसा सबसे अधिक शहरी इलाकों में देखने को मिला है.

इस बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सोशल एक्टिविस्ट दीपिका नारायण भारद्वाज ने लोगों से सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि भारत में शादी टूटने के पीछे कौन सा सबसे बड़ा कारण है? उन्होंने कहा कि वो ऐसा मानती हैं कि इसके पीछे की वजह शादी के दौरान लिए गए वचन भूल जाना है. उनके सवाल के जवाब में लोगों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए.

कई लोगों ने कहा कि जब कोई जिम्मेदारी नहीं संभालता तो ऐसा होता है. या फिर एक दूसरे पर भरोसा न हो, उम्मीदें ज्यादा बढ़ जाएं, वचनों को पूरा न करें और पश्चिमिकरण भी इसके पीछे की वजह हो सकती है.

हाल के वर्षों में तलाक को लेकर लोगों की सोच में बदलाव आया है. वो अब शादी से ज्यादा अपनी खुद की खुशी को अधिक अहमियत देने लगे हैं.

लोगों को लगने लगा है कि समाज के दबाव में आकर शादी में नाखुश रहने से बेहतर है तलाक लेकर अलग हो जाना.

लोगों ने कहा कि जब दो लोग आपस में एक दूसरे को समझ न पाएं, आसपास हुए बदलाव को स्वीकार न करें, कोई तीसरा उनके बीच आ जाए, संवाद की कमी हो, सम्मान न हो या जबरन शादी करा दी जाए, तो ऐसा होता है.