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जब उड़ते प्लेन में अचानक दरवाजा खोलने लगा शख्स, एयर होस्टेस ने ऐसे संभाला मामला

हजारों फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट में अचानक यात्री प्लेन का दरवाजा खोलने लगा. ये देख अन्य पैसेंजर्स की सांसें थम गई. किसी तरह वहां मौजूद एयर होस्टेस और अन्य क्रू मेंबर ने उसे ऐसा करने से रोका.

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यात्री ने की विमान का दरवाजा खोलने की कोशिश (फोटो - AI जेनरेटेड)
यात्री ने की विमान का दरवाजा खोलने की कोशिश (फोटो - AI जेनरेटेड)

थाई एयरवेज की ताइवान से बैंकॉक जा रही फ्लाइट में एक यात्री बीच उड़ान में विमान का दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगा. यह खतरनाक घटना एयरबस 320 विमान में उस समय हुई, जब वह अपनी क्रूजिंग ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था.

इसके बाद विमान में बैठे अन्य यात्री चिल्लाने लगे. वहां मौजूद एयर होस्टेस व अन्य क्रू मेंबर ने किसी तरह उस यात्री को संभाला. इस तरह हवाई यात्रा के दौरान बड़ा हादसा होते-होते बचा. फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. बाद में दरवाजा खोलने की कोशिश करने वाले  गिरफ्तार यात्री को खराब मानसिक स्थिति के चलते छोड़ दिया गया.

घटना कैसे घटी?
दरवाजा खोलने की कोशिश करने वाला व्यक्ति थाई नागरिक था. उसने अचानक विमान के गलियारे में चिल्लाते हुए दौड़ना शुरू कर दिया. यात्रियों के बीच अफरातफरी मच गई. इसके बाद उसने विमान का दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन एयर होस्टेस और अन्य क्रू मेंबर्स ने तत्परता दिखाते हुए उसे रोक लिया.

कैसे काबू में आया यात्री?
विमान कर्मचारियों और अन्य यात्रियों ने मिलकर उसे रोका और सीट से बांध दिया. इस दौरान यात्रियों में डर और घबराहट का माहौल बन गया.विमान के बैंकॉक के सुवर्णभूमि एयरपोर्ट पर उतरने के बाद पुलिस ने यात्री को हिरासत में ले लिया. पुलिस अधीक्षक चकपोंग नुचपडुंग ने बताया कि यात्री को बाद में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कारणों से रिहा कर दिया गया.

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खराब मानसिक स्वास्थ्य की पुष्टि के बाद छोड़ा
पुलिस ने बताया कि यात्री के परिवार ने उसकी मानसिक बीमारी की पुष्टि की है. उन्होंने यह भी बताया कि यात्री ने पहले इलाज कराया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि उसने दवा लेना बंद कर दिया था या नहीं. यात्री को ताइवान में उसकी कंपनी ने मानसिक स्थिति के कारण ड्यूटी से हटाकर वापस थाईलैंड भेजा था.

नहीं हुई कोई कानूनी कार्रवाई
सुवर्णभूमि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे ने इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की. अधिकारी ने कहा कि कोई नुकसान नहीं हुआ और मानसिक स्थिति को देखते हुए सहानुभूति के आधार पर मामला नहीं चलाया गया.

कानून के तहत सजा का प्रावधान
यदि यात्री पर आरोप लगाए जाते, तो उसे थाई कानून के तहत सात साल तक की जेल और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता था, क्योंकि यह घटना यात्रियों और विमान की सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंचा सकती थी.

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