ब्राउन कलर की एक 100 साल से ज्यादा पुरानी ड्रेस में नोट्स मिले थे. इनमें जो कुछ लिखा था, उसे डिकोड करने यानी समझने में 10 साल का वक्त लग गया. अब इसमें छिपी रहस्यमयी कहानी दुनिया के सामने आ गई है. ये ड्रेस सिल्क की है और 1880 के दशक की है. ड्रेस साल 2013 में अमेरिका के एक प्राचीन मॉल में सारा रिवर कोफील्ड को मिली थी. जो Digital Archaeological Record नामक संस्था चलाती हैं. ड्रेस की सीक्रेट पॉकेट में कुछ नोट्स मिले थे. इन्हें हाथों से लिखा गया था. नोट्स समझ से परे थे.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें शब्दों को इस तरह लिखा गया था कि इनका मतलब ही समझ नहीं आ रहा था. रिवर कोफील्ड ने इन नोट्स को ऑनलाइन पोस्ट किया, ताकि लोगों में से कोई नोट्स में लिखी बातों को बता सके. कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि मैसेज शायद टेलीग्राम के लिए लिखा गया था. उस वक्त समुदाय के लिए टेलीग्राम भेजना एक आम बात थी. हालांकि मैसेज का मतलब अब भी समझ में नहीं आ रहा था. ये 10 साल तक रहस्य बना रहा, कि नोट्स में आखिर लिखा क्या था.
इस मामले में पहली सफलता तब मिली, जब मैनिटोबा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता वेन चेन ने कहा कि नोट्स में कोड वर्ड बिल्कुल वैसे ही हैं, जैसे मौसम पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी सेना सिग्नल कोर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कोड होते हैं. चेन ने इसके लिए 1892 की मौसम से जुड़ी टेलीग्राफ कोड बुक की मदद ली. ये बुक मैरीलैंड की एक लाइब्रेरी में रखी है. इससे उन्हें पता चला कि किताब में मौसम के बारे में बताया गया है. चेन को पता चला कि मैसेज सिग्नल सर्विस मौसम स्टेशन की तरफ से था, जो अमेरिका और कनाडा में मौसम के बारे में कोड में टेलीग्राम भेजते थे. मैसेज की हर एक लाइन में मौसम से जुड़े कोड हैं.
उदाहरण के तौर पर इसमें एक लाइन है- “Bismark, omit, leafage, buck, bank” इसमें Bismarck अमेरिका के डकोटा क्षेत्र में है. जो आज का नॉर्थ डकोटा है. omit को हवा के तापमान से जोड़ा गया है. leafage के जरिए ओस की बूंदों, buck से मौसम की स्थिति और बैंक से वर्तमान वायु गति के बारे में बताया गया है. चेन ने यह भी पता लगाया कि मौसम का यह अवलोकन 27 मई, 1888 को किया गया था. वहीं जिस महिला ने नोस्ट को पॉकेट में रखकर ये ड्रेस पहनी थी, उसके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है.