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गाजा के अस्पताल में गिरा था ‘इस्लामिक जिहाद’ का रॉकेट, इजरायल के पास सबूत, हमास की खुली पोल

Israel Hamas War : रिपोर्ट्स बता रही हैं कि गाजा के अस्पताल में हुए हमले में अब तक 500 के आस पास लोग हलाक हुए हैं. हमास ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. जबकि हमले से इजरायल ने ये कहकर अपना पल्ला झाड़ दिया है कि, ये हरकत और किसी की नहीं बल्कि 'इस्लामिक जिहाद' की है.

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गाजा के अस्पताल में हुई बमबारी पर इजरायल ने अपना रुख साफ़ कर दिया है
गाजा के अस्पताल में हुई बमबारी पर इजरायल ने अपना रुख साफ़ कर दिया है

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रही जंग अब उस मुकाम पर आ गई है, जहां हमें सिर्फ और सिर्फ विनाश देखने को मिल रहा है. दोनों तरफ से अब तक 4500 से ऊपर लोग काल के गाल में समा चुके हैं. जैसे हालात दोनों ही देशों के बीच हैं, कयास लगाए जा रहे हैं कि, ये आंकड़ा भविष्य में और बढ़ेगा. स्थिति कैसी है इसका अंदाजा गाजा के एक अस्पताल में हुए हमले को देखकर लगाया जा सकता है. रिपोर्ट्स बता रही हैं कि इस हमले में अब तक 500 के आस पास लोग हलाक हुए हैं. हमास ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. जबकि अस्पताल पर हुए इस हवाई हमले से इजरायल ने ये कहकर अपना पल्ला झाड़ दिया है कि, ये हरकत और किसी की नहीं बल्कि 'इस्लामिक जिहाद' की है. 

इजरायल ने तर्क दिए हैं कि इस्लामिक जिहाद के ही रॉकेट से गाजा का अस्पताल राख के ढेर में तब्दील हुआ है. हमले के बाद जिस तरह इजरायल ने खुद को बेकसूर बताया है, साफ़ है कि इसका असर हमास पर पड़ेगा. कह सकते हैं कि इस्लामिक जिहाद द्वारा कराए गए इस हमले के जरिये इजरायल ने हमास को बेनकाब कर दिया है. 

अस्पताल में हुई रॉकेट स्ट्राइक के तमाम मुस्लिम मुल्कों से चौ तरफ़ा आलोचना झेल रही इजरायल की सेना ने कहा है कि वह सबूत जारी करेगी जिसमें ड्रोन फुटेज और एक इंटरसेप्ट की गई बातचीत शामिल है. सेना का ये भी कहना है कि इस साक्ष्य के बाद ये साबित हो जाएगा कि गाजा के अस्पताल में घातक विस्फोट के पीछे इजरायल नहीं बल्कि इस्लामिक जिहाद के आतंकी हैं.

आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा है कि हम इसकी जांच कर रहे हैं क्योंकि कोई हमें (इजरायली सेना को) इस हमले के संदर्भ में बेमतलब में बदनाम कर रहा है. वहीं हमास द्वारा किये जा रहे दावे पर उन्होंने ये भी कहा कि दावे को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करना फिलहाल संभव नहीं है.

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गौरतलब है कि गाजा स्थित अल अहलि अस्पताल पर इजरायल की तरफ से बड़ी जवाबी कार्रवाई हुई है. हमला कितना खतरनाक था इसका अंदाजा उन तस्वीरों और वीडियो को देखकर लगाया जा सकता है जो मौजूदा वक़्त में इंटरनेट पर वायरल हैं. इन्हें देखें तो मिलता है कि गाजा पट्टी से हमास के खात्मे के नाम पर जो एक्शन इजरायल की तरफ से लिया गया, उसका खामियाजा गाजा पट्टी पर रहने वाले आम लोगों विशेषकर बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.

ट्विटर- फेसबुक समेत तमाम प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी तस्वीरों की बाढ़ आई हुई है जिनमें छोटे मासूम बच्चों के शव खून से लथपथ इधर उधर पड़े हैं.  गाजा से आ रही इन खौफनाक तस्वीरों ने तमाम मुस्लिम मुल्कों को एकजुट कर दिया है. जगह जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और मांग यही की जा रही है कि फौरन ही इजरायल को इस नरसंहार को बंद कर देना चाहिए.

ध्यान रहे आज फिलिस्तीन में जो भी हो रहा है उसका जिम्मेदार हमास है. इजरायल - फिलिस्तीन गतिरोध को समझने वाले तमाम जानकारों ने हमलों के बाद इस बात को भी स्वीकार किया है कि अधिकारों की लड़ाई के नाम पर जो खूनी खेल हमास ने इजरायल में खेला, उसने सांप के बिल में खुद हाथ डाला है. चूंकि अस्पताल में हुए इस हमले के लिए इजरायल को निशाने पर लिया जा रहा है रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि जिस वक़्त अस्पताल पर हमला हुआ वहां कोई भी इजरायली एयरक्राफ्ट ऑपरेट नहीं हो रहा था.

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 उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विस्फोट का प्रभाव इजराइल के जेट विमानों द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियारों के कारण नहीं हो सकता है.इसके विपरीत, हगारी ने एकतस्वीर साझा की, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह सेना द्वारा कैप्चर की गई राडार फुटेज है, जिसमें गाजा के अंदर से इज़राइल की ओर दागे गए रॉकेटों की एक श्रृंखला को अस्पताल की साइट के ऊपर से गुजरते हुए दिखाया गया है.

हगारी के अनुसार जैसे ही इजरायल के पास अस्पताल में हुए इस हमले की खबर आई फ़ौरन ही एक इजरायली ड्रोन को विस्फोट स्थल का जायजा लेने के लिए निर्देशित किया गया था. इजरायल की तरफ से कहा ये भी गया कि जल्द ही ड्रोंस से ली गयी उन तस्वीरों को रिलीज किया जाएगा.

क्योंकि इस मामले में इजरायल ने इस्लामिक जिहाद को लिंक किया है. इसलिए कहा ये भी गया है कि इस हमले के मद्देनजर आतंकवादियों के बीच हुई बातचीत को भी इंटरसेप्ट किया गया है. इजरायल का कहना है कि इन्हें जल्द ही रिलीज किया जाएगा ताकि दुनिया फिलिस्तीन और हमास का असली चेहरा देख ले. 

बहरहाल जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं. इस हमले के बाद इजरायल की तरफ से हमास और फिलिस्तीन को मुंह की खानी पड़ी है. तो ये बातें यूं ही नहीं है. इस हमले के बाद जिस मजबूती से इजरायल ने अपना पक्ष रखा है और जैसे उसने 500 लोगों के मारे जाने का जिम्मेदार इस्लामिक जिहाद को ठहराया. साफ़ हो गया है कि वो तमाम मुस्लिम मुल्क जो इजरायल का विरोध कर रहे थे अब उनके पास इजरायल की आलोचना की माकूल वजह शायद ही कोई हो. 

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चाहे वो ड्रोन और सैटेलाइट तस्वीरें हों या फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर किये जा रहे ट्वीट. इजरायल की तैयारी पूरी है और अगर वो अपनी इसी रणनीति पर काम करता रहा तो रणनीतिक रूप से उसकी जीत पक्की है. बाकी जिक्र अगर हमास का हो तो जिस तरह इजरायल में घुसकर उसने औरतों बच्चों समेत बुजुर्गों के साथ बर्बरता की है, अब शायद ही कोई हो जो उसकी गतिविधियों को जायज मानें.  

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