फलस्तीन के आतंकी संगठन हमास से अलग होने के बाद इजरायल की सिक्योरिटी एजेंसी शिन बेट के लिए काम करने वाले मोसाब हसन यूसुफ ने गहरे राज खोले हैं. वो हमास फाउंडर शेख हसन यूसुफ के बेटे हैं. उन्होंने इस्लाम धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था. उन्हें 'ग्रीन प्रिंस' के नाम से भी जाना जाता है. अब उन्होंने हमास को लेकर कई हैरान कर देने वाली बातें बताई हैं. मोसाब ने आगाह करते हुए उनके पिता का उद्देश्य यहूदियों को खत्म कर पूरी दुनिया में शरिया कानून की स्थापना करना है. उनके पिता को 60 अन्य हमास नेताओं के साथ बीते हफ्ते वेस्ट बैंक में रेड के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
मोसाब ने इजरायल की शिन बेट के लिए लंबे वक्त तक काम किया. वो 1997 से 2007 तक इजरायल के जासूस रहे. उन्होंने इजरायल को ऐसी जरूरी जानकारियां दीं, जिनके कारण उसे आत्मघाती बम हमलों और आतंकवादी घटनाओं को रोकने में मदद मिली. उन्होंने अमेरिकी नागरिकता अपना ली थी और फिलहाल इसी देश में रहते हैं. उन्होंने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनके पिता और हमास एक कभी न खत्म होने वाला धार्मिक युद्ध लड़ रहे हैं और ये केवल क्षेत्रीय तौर पर फलस्तीन को प्राप्त करने की बात नहीं है. उन्होंने हमास और उसके इरादों के बारे में भी खुलकर बताया.
सीएनएन के मुताबिक, मोसाब ने कहा, 'ये एक धार्मिक आंदोलन है, ये बात कहने से हर कोई डरता है. अगर हमास एक राजनीतिक आंदोलन होता, तो हम उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा कर सकते थे. लेकिन हमास एक धार्मिक आंदोलन है जो राजनीतिक सीमाओं में विश्वास नहीं करता. वो इजरायल के मलबे पर एक इस्लामी राज्य स्थापित करना चाहता है.'
यहूदियों के साथ क्या करना चाहता है हमास?
उन्होंने आगे बताया कि हमास का इरादा यहूदी लोगों और इजरायल को मिटाना है. वो हर उस शख्स को मार डालना चाहता है, जो इसरायल के अस्तित्व का समर्थन करता है. और फिर इस्लामिक राज्य की स्थापना करना चाहता है. मोसाब ने सीएनएन से कहा, 'लेकिन इसका अंत यहीं नहीं होता, क्योंकि उनकी महत्वाकांक्षा वैश्विक स्तर पर है. वो एक इस्लामिक राज्य, एक वैश्विक इस्लामिक राज्य की स्थापना करना चाहता है.' हमास को जब भी वित्तीय मदद की जरूरत होती है, वो इजरायल के साथ जंग छेड़ देता है.

मोसाब कहते हैं, 'इस जंग की शुरुआत इजरायल ने नहीं की. हमास ने जंग शुरू की है. हमास, पैसे के लिए खून... वो हर कुछ साल में जंग शुरू कर देता है, जब भी उसे पैसा चाहिए होता है, वो बच्चों का खून बहाते हैं और इसे रोकना होगा. इसे रोकना होगा. इसका अंत होना ही है. लेकिन दुर्भाग्य से इसकी कीमत सस्ती नहीं होगी. मुझे इजरायल के लिए बहुत दुख हो रहा है कि उन्हें गाजा में जाना पड़ा जहां हर जगह बूबी ट्रैप्स हैं... मुझे नहीं पता कि हमास को खत्म करने के लिए कितने इजरायली सैनिकों को मरना होगा.'
मोसाब हसन यूसुफ ने फॉक्स न्यूज को भी इंटरव्यू दिया है. यहां उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमास ISIS से ज्यादा खतरनाक है. वो कहते हैं, 'हमास के कारण फैले विभाजन और वैश्विक भ्रम को देखें. उसने अपनी क्रूरता और बर्बरता से किसी तरह हमें घुटनों पर ला दिया है. हमास एक धार्मिक आंदोलन है. ये इजरायल के खिलाफ एक उग्र धार्मिक आंदोलन है. मेनस्ट्रीम मीडिया ऐसा खुलकर नहीं कह सकता क्योंकि उसे धार्मिक युद्ध भड़कने का डर है. जो मैं बोल रहा हूं, वैसा पहले से ही है. वो यहूदी लोगों को मिटाना चाहते हैं क्योंकि वो यहूदी हैं, क्योंकि वो एक यहूदी देश से हैं.'
मोसाब ने आगे बताया, 'हमें उन्हें बेनकाब करने की जरूरत है. कि वो क्या है. वो कोई राष्ट्रीय आंदोलन में नहीं हैं. वो एक धार्मिक आंदोलन कर रहे हैं. वो किसी भी तरह की राजनीतिक सीमाओं में विश्वास नहीं करते. वो एक नस्ल के प्रति, एक देश के प्रति गहरी नफरत से ग्रसित हैं.' उन्होंने आगे जोर देते हुए कहा कि इजरायल को गाजा में आतंकी समूह हमास को उखाड़ फेंकने के साथ ही उसके नेतृत्व को भी खत्म करने की जरूरत है. वो कहते हैं, 'उन्हें दोहा (कतर की राजधानी), बेरूत (लेबनान की राजधानी) में इस सांप के सिर से निपटने की जरूरत है. वो जहां कहीं भी हों, सांप का सिर काट दो और पूंछ को वहीं मरने के लिए छोड़ दो. हम उन्हें उखाड़कर फेंक सकते हैं.'