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 41 साल बाद मिले 2 दोस्त, मुलाकात कर देगी आंखें नम, 1947 में टूटा था दुखों का पहाड़ 

1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के वक़्त एक दूसरे से जुदा हुए बचपन के दो दोस्त सुरेश कोठारी और एजी शाकिर करीब 41 साल बाद एक दूसरे से मिले हैं. इंटरनेट पर ये पुनर्मिलन वायरल है. हर वो शख्श जो इनके पुनर्मिलन का वीडियो देख रहा है इनकी दोस्ती की तारीफ करता हुआ नजर आ रहा है.

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करीब 41 साल बाद मिले भारत और पाकिस्तान के दो दोस्त 
करीब 41 साल बाद मिले भारत और पाकिस्तान के दो दोस्त 

एक ऐसी दुनिया जिसे सरहदों और राजनीति ने बांट कर रखा है. वहां उम्मीद की किरण हमें तब चमकते हुए नजर आती है, जब हम दोस्ती की पावर को न केवल महसूस करते हैं. बल्कि हमें इस बात का भी एहसास होता है कि, अगर इतनी जटिलताओं के बावजूद दुनिया बची है. तो उसमें एक बहुत बड़ी भूमिका दोस्ती की है.

दोस्ती की एक ऐसी ही दास्तां है सुरेश कोठारी और एजी शाकिर की. जिनके री-यूनियन ने पूरे इंटरनेट को मंत्रमुग्ध कर दिया है. गुजरात के दीसा में एक साथ बड़े हुए कोठारी और शाकिर ने भी तमाम लोगों की तरह 1947 में हुए भारत पाकितान के विभाजन का दंश झेला.

उनके बीच खड़ी विशाल भौगोलिक और राजनीतिक बाधाओं के बावजूद, कोठारी और शाकिर के बीच का बंधन अटूट रहा. 12 साल की उम्र में अलग होने के बाद, वे 1982 में न्यूयॉर्क में एक मित्र की बदौलत थोड़े समय के लिए फिर से मिले.

हालांकि, अक्टूबर 2023 तक, 41 लंबे वर्षों के बाद, ऐसा नहीं था कि वे दोबारा मिलेंगे. यह उल्लेखनीय पुनर्मिलन संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ और इसका दस्तावेजीकरण सुरेश कोठारी की पोती मेगन कोठारी ने किया. एक वायरल वीडियो में कैद की गई भावनात्मक मुलाकात में दोनों व्यक्तियों को गर्मजोशी से गले मिलते हुए दिखाया गया, जो उनकी अटूट दोस्ती का एक प्रमाण है.

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'भौगोलिक और राजनीतिक बाधाओं के बावजूद, एक-दूसरे के प्रति उनके मन में अभी भी जो प्यार और सम्मान है, वह काबिल ए तारीफ है. दोनों के बीच का प्यार और उनकी ये दोस्ती हमें इस बात का एहसास कराती है कि इंसान को अलग करने के लिए सीमाएं या फिर सरकारें लाख जतन कर लें लेकिन मुहब्बत हमेशा ही उन प्रयासों पर भारी पड़ेगी.

मेगन कोठारी के वायरल पोस्ट के कैप्शन पर नजर डालें तो उसमें लिखा है कि इस अप्रैल 2024 में न्यू जर्सी में मेरे दादाजी के 90वें जन्मदिन पर दोनों दोस्त फिर से मिलेंगे.

जिस तरह कोठारी और शाकिर एक दूसरे से मिले और गले लगे हैं कहा जा सकता कि यही मानवीय संबंधों का स्थायी प्रभाव है जो कठिन से कठिन बाधाओं को पार लगा सकता है.    

कोठारी और शाकिर का ये पुनर्मिलन न केवल उन्हें अपार खुशी देता हुआ नजर आया बल्कि उनके मिलन को वायरल वीडियो के जरिये जिस जिस ने भी देखा वो यही कहता हुआ नजर आ रहा है कि अगर कोई किसी को दोस्त मानें तो वहां समर्पण बस इसी हद तक होना चाहिए.

वीडियो क्योंकि इंटरनेट पार वायरल है इसलिए लोग भी बार-बार इसी बात को दोहरा रहे हैं कि दोस्ती की ये कहानी वाकई सरहदों से परे है.

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