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शख्स ने 7 दिन में देख लिए 7 अजूबे, 1.5 साल तक की प्लानिंग- देखें VIDEO

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इंस्टाग्राम पर उसका वीडियो शेयर किया है, जिसमें उसकी इस यात्रा के कुछ अंश दिखाए गए हैं. शख्स ने अपनी इस यात्रा की शुरुआत चीन की ग्रेट वॉल से की. उसके बाद वो आगरा के ताज महल और जॉर्डन के प्राचीन शहर पेट्रा गया.

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सबसे कम वक्त में शख्स ने देखे 7 अजूबे (तस्वीर- Instagram/Magdy Eissa)
सबसे कम वक्त में शख्स ने देखे 7 अजूबे (तस्वीर- Instagram/Magdy Eissa)

मिस्र के इस शख्स ने 7 दिन में 7 अजूबे देख वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिया है. उसने ऐसा सबसे कम वक्त में किया. 45 साल के मैगी आइसा दुनिया की इन 7 जगहों पर 6 दिन, 11 घंटे और 52 मिनट में गए. उन्होंने पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल किया. आइसा की उपलब्धि की सराहना करते हुए, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इंस्टाग्राम पर उनका वीडियो शेयर किया है, जिसमें उनकी इस यात्रा के कुछ अंश दिखाए गए हैं. उन्होंने अपनी इस यात्रा की शुरुआत चीन की ग्रेट वॉल से की. उसके बाद वो आगरा के ताज महल और जॉर्डन के प्राचीन शहर पेट्रा गए. 

फिर वो रोम के कोलोसियम, ब्राजील में क्राइस्ट द रिडीमर और पेरू में माचू पिचू गए. उनकी यात्रा मेक्सिको के प्राचीन शहर चिचेन इट्जा के साथ समाप्त हुई. इस उपलब्धि के साथ आइसा ने पिछले साल बनाए गए ब्रिटिश शख्स जेमी मैकडोनाल्ड का रिकॉर्ड तोड़ दिया. अपनी इस यात्रा को प्लान करने में उन्हें 1.5 साल लग गया था. उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को बताया, 'मुझे फ्लाइट, ट्रेन, बस, सबवे और परिवहन केंद्रों और इन अजूबों के बीच चलने वाले जटिल वेब को नेविगेट करना पड़ा. एक भी गड़बड़ पूरी यात्री के प्लान को पटरी से उतार सकती थी और उसके कारण घर वापस आने वाली फ्लाइट में भी परेशानी खड़ी हो सकती थी.'  

हालांकि थोड़ी देर ज्यादा सोने के कारण आइसा पेट्रा में चलने वाली सामान्य बस में यात्रा नहीं कर सके. इसी वजह से उन्हें विकल्प के तौर पर सार्वजनिक बस की तरफ जाना पड़ा. ये एक चुनौती थी. क्योंकि अजूबा घोषित हुई जगह तक पहुंचने के लिए निजी टूर सर्विस और टैक्सियों के जरिए ही पहुंचा जा सकता है. आइसा की पेरू से मेक्सिको जाने वाली फ्लाइट भी लगभग छूट गई थी. गनीमत रही कि एयरलाइन कर्मचारियों ने चेक-इन काउंटर को फिर से खोल दिया. वहां आइसा ने उन्हें समझाया कि वो वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं.

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दुनिया के नए सात अजूबों को देखना आइसा के बचपन का सपना था. उन्होंने अब अपनी इस उपलब्धि का जश्न मनाया है. वो कहते हैं, 'व्यक्तिगत संतुष्टि से परे, इस चुनौती ने मुझे सामान्य जीवन में मिलने वाले तनाव और दबाव से कुछ पल के लिए छुटकारा देने में मदद की.'

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