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ओलंपिक में भारतीय एथलीट्स की ड्रेस पर छपे इस लोगो पर क्यों मचा बवाल?

ओलंपिक 2024 के शुरुआती दिन भारत के लिए एक अच्छी खबर आई. महिला शूटर मनु भाकर ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का 12 साल का सूखा खत्म कर दिया लेकिन इसके साथ ही ओलंपिक सेरेमनी में भारतीय खिलाड़ियों को ड्रेस को लेकर एक विवाद का सामना करना पड़ा.

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Paris 2024 Olympic Games (AFP Photo)
Paris 2024 Olympic Games (AFP Photo)

ओलंपिक 2024 के शुरू होते ही भारत के लिए एक अच्छी खबर आई. महिला शूटर मनु भाकर ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर शूटिंग में भारत का 12 साल का सूखा खत्म कर दिया. लेकिन, ओलंपिक ओपनिंग सेरेमनी में भारतीय खिलाड़ियों को ड्रेस को लेकर एक विवाद भी खड़ा हो गया है. दरअसल, जिस ड्रेस को पहनकर भारतीय एथलीट सेरेमनी में शरीक हुए थे, उसपर एक लोगो पर विवाद हुआ है.

इस सिलसिले में डिज़ाइनर तरुण ताहिलियानी को भी सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है, जिन्होंने इस ड्रेस को डिजाइन किया है. इन कपड़ों को यूजर्स सस्ता और घटिया बताकर भी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. आइए समझते हैं कि यह पूरा विवाद कहां से शुरू हुआ, इस विवाद की वजह क्या है, और इस पर डिज़ाइनर तरुण ताहिलियानी का क्या कहना है.

क्या है विवाद?

विवाद की शुरुआत ओलंपिक सेरेमनी की शाम हुई जब भारत के एथलीटों की तस्वीरें दुनिया के सामने आईं. उसके बाद से ही सोशल मीडिया पर एथलीटों के ड्रेस की तस्वीरें वायरल होने लगीं. अधिकांश यूजर्स को एथलीट्स की ड्रेस पसंद नहीं आई. कुछ लोगों का कहना था कि इतने बड़े इवेंट में भारतीय परिधानों को दुनिया के सामने शोकेस करने का मौका गंवा दिया गया. साथ ही कुछ यूजर्स ने इस बात की शिकायत थी कि आखिर डिज़ाइनर ने इस ड्रेस में अपने लोगो का इस्तेमाल क्यों किया.

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 सोशल मीडिया पर लोगों ने क्या कहा?

एक यूजर ने इस पर कमेंट करते हुए लिखा- तरुण ताहिलियानी ने यह ड्रेस डिज़ाइन की है, उन्होंने ड्रेस के किनारों पर तस्व का लोगो भी लगाया है.

 

वहीं एक यूजर ने इस प्रतिक्रिया देते हुए कहा -भारत की संस्कृति सबसे विविध और अद्भुत है, जहां हर क्षेत्र की पारंपरिक पोशाक अपनी पहचान बनाती है, फिर भी भारत को ओलंपिक में प्रतिनिधित्व करने की यह कोशिश काफी भद्दी है. जिसने भी इसे डिज़ाइन किया है, उसका फैशन सेंस खराब है.

 

क्या है तरुण तिहिलायानी का पक्ष?

डिजाइनर तरुण ताहिलियानी ने इन विवादों पर अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनका मकसद एथलीटों के लिए आरामदायक ड्रेस बनाना था, न कि उसमें एस्थेटिक पर ध्यान देना. हमें ड्रेस के संबंध में एथलीटों से  पॉजिटिव फीडबैक प्राप्त हुआ है और वे इसे लेकर गर्व और संतोष महसूस कर रहे हैं.

देश का सही प्रतिनिधित्व तिरंगे के माध्यम से होता है

सोशल मीडिया पर लोगों की आलोचना पर रिएक्शन देते हुए, उन्होंने कहा कि हम इसे  पॉजिटिव तरीके से ले रहे हैं. भारत जैसे बड़े देश में लोगों की राय अलग-अलग हो सकती है. किसी को हमारा ड्रेस पसंद नहीं आ सकता, और इसे हम खुले दिल से स्वीकारते हैं और स्वागत करते हैं. हम मानते हैं कि देश का सही प्रतिनिधित्व तिरंगे के माध्यम से होता है. जब हमारे खिलाड़ियों ने तिरंगे डिजाइन पहने और सीन नदी के पार से गुजरे, तो यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण था.

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तस्वा लोगो कंट्रोवर्सी पर क्या बोले

साथ ही तस्वा के लोगो के इस्तेमाल के विवाद पर भी उनका पक्ष सामने आया. उन्होंने कहा कि यह कोई लोगो नहीं था, बल्कि एक सिंबल था जिसे ड्रेस की बॉर्डर पर बनाया गया था. यह इतना छोटा है कि आप इसे नोटिस भी नहीं करेंगे. हमने मूल रूप से तिरंगे का इस्तेमाल किया था

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