अपनी मौत से पहले कुछ लोग अंतिम इच्छा बताकर उसे पूरी कराने की चाह रखते हैं. कोई अपने अंगों को दान करने की बात कहता है, तो कई अपने किसी बचे हुए काम को पूरा करने को बोलता है. लेकिन एक शख्स ने परिवार को ऐसी अंतिम इच्छा बता दी, जिसे सुनकर हर कोई हैरत में पड़ गया.
इस शख्स ने कहा कि ये चाहता है कि मौत के बाद उसके मस्तिष्क को फ्रीज करके रखा जाए. इसका इस्तेमाल साइंस रिसर्च के लिए किया जाएगा. इस शख्स का नाम ली जेहुउ था.
ये चीनी फिलॉस्फर थे. अब इनके करीबी दोस्त और उनके साथ काम कर चुके मा कुनलिन ने बताया है कि ली की अंतिम इच्छा पूरी हो गई है. ली की अमेरिका में 2021 में मौत हो गई थी.
उन्होंने अपनी मौत से पहले अपनी इस अंतिम इच्छा के बारे में सार्वजनिक तौर पर बताना शुरू कर दिया था. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ली का मस्तिष्क दो साल से फ्रीज करके रखा हुआ है.
इसे उनकी मौत के तुरंत बाद ही रख दिया गया था. उनके मस्तिष्क को एलकोर लाइफ एक्टेंशन फाउंडेशन में रखा गया है.
इस मामले को लेकर चीनी स्कॉलर्स के बीच बहस छिड़ गई है. 2017 से 2022 के बीच चीन में अभी तक 10 लोग इसी तरह के फैसले ले चुके हैं.
इस फाउंडेशन ने 2023 के अंत तक 225 लोगों के शव या अंग फ्रीज करके रखे हैं. इस उम्मीद में कि भविष्य इन्हें पुर्नजीवित करने वाली टेक्नोलॉजी आ जाएगी.
पूरे शरीर को फ्रीज करने की लागत 200,000 डॉलर (करीब 1.66 करोड़ रुपये) और मस्तिष्क को रखने की लागत 80,000 डॉलर (करीब 66.41 लाख रुपये) है.
ली चीनी शिक्षा जगत में एक प्रमुख व्यक्ति थे, खासकर 1980 के दशक में. उन्हें चाइनीज एस्थेटिक्स और फिलॉस्फी में उनके योगदान के लिए काफी अहम माना जाता है.