scorecardresearch
 

अमेरिका में IVF से जन्म, चीन में परवरिश... मां की मौत के बाद बेटियों के नागरिकता पर संकट

चीन की एक महिला ने अमेरिका में बच्चियों को जन्म दिया था. इस वजह से दोनों के पास अमेरिकी नागरिकता है और दोनों फिलहाल संघाई में अपने नाना के पास रह रही हैं. अब उनकी मां की मृत्यु हो गई. इसके बाद दोनों की नागरिकता को लेकर मामला कोर्ट में अटक गया. क्योंकि उनके बर्थ सर्टिफिकेट में पिता का जिक्र ही नहीं था और उनका जन्म IVF से हुआ था.

Advertisement
X
आईवीएफ से जन्म लेने वाली दो बहनों की नागरिकता का फंसा मामला (Photo - AI Generated)
आईवीएफ से जन्म लेने वाली दो बहनों की नागरिकता का फंसा मामला (Photo - AI Generated)

चीन की एक महिला ने अमेरिका में IVF के जरिए दो बेटियों को जन्म दिया था. उसने इन दोनों टेस्ट ट्यूब बेबी के पिता की कभी पहचान उजागर नहीं की. अब महिला की मौत हो चुकी है और दोनों बच्चियां चीन में अपने नाना के साथ रह रही है. जन्म के हिसाब से बच्चियों के पास अमेरिका की नागरिकता है और उनके नाना ने दोनों को संघाई में अपने पास रखने की अर्जी चीन के एक अदालत में दी है. 

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार,  शंघाई में रहने वाली इन दो लड़कियों का पेचीदा मामला जब अदालत में गया तो उनके पिता की खोजबीन शुरू हुई. काफी जांच पड़ताल के बाद भी बच्चियों के पिता के बारे में कोई जानकारी अदालत को नहीं हो सकी. अब मां की मृत्यु हो चुकी  है और दोनों बहनों मे से एक का अमेरिकी पासपोर्ट समाप्त होने वाला है.

 महिला ने स्पर्म खरीदकर आईवीएफ से बच्चे को दिया था जन्म
कोर्ट और घर वालों को संदेह है कि महिला ने स्पर्म खरीदे थे और संयुक्त राज्य अमेरिका में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के माध्यम से बच्चों को जन्म दिया था. जिफैंग डेली की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कभी भी अपनी बेटियों के जैविक पिता के बारे में जानकारी नहीं दी.

मां की मौत के बात बेटियों की नागरिता पर उठ रहे सवाल
2 सितंबर को शंघाई के ज़ुहुई जिला पीपुल्स कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की. इसमें बच्चियों के नाना, जिनका नाम वांग है. उन्होंने बच्चियों के अभिभावक बनने के लिए आवेदन किया था. जुलाई में दोनों की मां की मृत्यु हो गई. उन्हें घातक ट्यूमर का पता चला और दो महीने बाद उनकी मृत्यु हो गई.

Advertisement

वांग के अनुसार, उनकी दोनों नातिन का जन्म  2015 और 2017 में अमेरिका में हुआ था और इसलिए उनके पास अमेरिकी नागरिकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि तब से शंघाई में उनकी मां और नाना उनकी देखभाल कर रहे हैं.

81 साल के वांग ने अदालत में बच्चों का अभिभावक बनने के लिए आवेदन किया है. क्योंकि वह उनके पिता को नहीं ढूंढ पाए. इसके अलावा, उनमें से एक का पासपोर्ट 3 सितंबर को समाप्त होने वाला था.

बर्थ सर्टिफिकेट में पिता का नाम नहीं
मामला इसलिए अटका हुआ था क्योंकि अदालत लड़कियों के जैविक पिता का पता नहीं लगा सकी थी और चीनी अधिकारियों द्वारा जारी उनके जन्म प्रमाण-पत्रों पर पिता की जानकारी वाला भाग रिक्त था.

इसके बाद अदालत को उन दस्तावेजों की फोटोकॉपी मिली जो उस प्राइमरी स्कूल में दिए गए थे, जहां लड़कियां पढ़ती थीं. इनमें अमेरिका में जारी विवाह प्रमाण पत्र और अमेरिकी प्राधिकारियों द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र भी शामिल थे.

दोनों दस्तावेजों में एक ऐसे व्यक्ति का नाम शामिल किया गया था, जिसे लड़कियों का पिता माना गया. जब उस व्यक्ति को अदालत में लाया गया और पूछा गया कि उसकी पहचान चीन में जारी बर्थ सर्टिफिकेट में उजागर क्यों नहीं की गई. इस पर उसने  अदालत को बताया कि वह महिला का केवल परिवारिक मित्र था, लड़कियों का पिता नहीं.

Advertisement

जिसे पिता समझ रहा था कोर्ट वो निकला फैमिली फ्रैंड
उन्होंने कहा कि कई साल पहले, दोनों लड़कियों की मां ने उनसे उसका पासपोर्ट मांगा था. महिला ने कहा था कि ऐसा करके वह उन पर एक एहसान करेगा. इसलिए शख्स ने बिना कुछ सोचे और वजह पूछे एक मित्र के नाते अपना पासपोर्ट महिला को दे दिया था. उसके बाद महिला ने उसके पासपोर्ट की फोटो कॉपी बच्चियों के स्कूल में या अमेरिका के बर्थ सर्टिफिकेट वाले   उस आदमी ने यह भी कहा कि उसे नहीं पता कि लड़कियों का पिता कौन है.

अदालत ने आगे पाया कि दोनों लड़कियों को अपने पिता की कोई याद नहीं थी. एक रिश्तेदार ने अदालत को बताया कि उनकी मां ने टेस्ट-ट्यूब बेबी की इच्छा व्यक्त की थी. वांग ने बताया कि दोनों लड़कियों का पालन-पोषण मैंने और मेरी बेटी ने मिलकर किया. अब मेरी बेटी चली गई है. अब मैं ही उनका एकमात्र रिश्तेदार हूं.

चीन में नाना को मिलेगी कस्टडी 
वांग ने आगे बताया कि उनकी बिस्तर पर पड़ी पत्नी की देखभाल एक अस्पताल में नर्सें कर रही हैं. अस्सी वर्षीय वांग अपनी उम्र के हिसाब से स्वस्थ दिमाग के हैं और उनकी शारीरिक स्थिति भी अच्छी है. 

अदालत को बताया गया कि वह अपनी दोनों नातिनों का पालन-पोषण करने में भी आर्थिक रूप से सक्षम हैं. इसके अलावा, वह उनकी पढ़ाई में भी मदद करते हैं. मुख्य न्यायाधीश सुन जुएमेई ने कहा कि हमने यह निर्णय किशोरों के हितों देखते हुए लिया है कि नाना को लड़कियों का संरक्षण दिया जाए.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement