
121 साल पुरानी कैडबरी चॉकलेट नीलामी के लिए रखी जा रही है. कई लोग शायद ये भी नहीं जानते होंगे कि कैडबरी इतनी पुरानी कंपनी है. लेकिन साल 1902 में जब एक 9 साल की बच्ची को स्कूल में ये दी गई तो उसने उसे खाने की जगह संभाल कर रख लिया.
खास अवसर के लिए बनी थी खास चॉकलेट
दरअसल, साल 1902 में इंग्लैंड के किंग एडवर्ड VII और क्वीन एलेग्जेंड्रा की ताजपोशी के उपलक्ष्य में ये खास चॉकलेट बनाई गई थी. चूकिं उस समय बच्चों को इतनी आसानी से महंगी चॉकलेट नहीं मिलती थी इसलिए जब स्कूल में पढ़ने वाली 9 साल की मेरी एन ब्लैकमोर को ये मिली तो उसने इसे खाने की जगह महाराजा की ताजपोशी की याद की तरह संभालकर रख लिया.
दशकों से परिवार के पास की चॉकलेट
ये वेनिला चॉकलेट मेरी के परिवार में दशकों से है लेकिन अब मेरी की पोती ने इसकी नीलामी का फैसला किया है. मेरी की पोती जीन थॉम्पसन अब 72 साल की हो चुकी है. जीन इस चॉकलेट का टिन का डब्बा लेकर हैनसन के नीलामीकर्ताओं के पास पहुंची तो लोगों कि इसके अस्तित्व की जानकारी लगी.
चॉकलेट इतनी खास थी कि बच्ची ने छुई तक नहीं
हैनसन्स ऑक्शनियर्स के मॉर्वेन फेयरली ने कहा- "उस समय में, यह एक बड़ा तोहफा था क्योंकि बच्चों को कभी चॉकलेट नहीं मिलती थी. यह स्पष्ट रूप से इस छोटी लड़की के लिए इतना विशेष उपहार था कि उसने सोचा कि वह इसे छू भी नहीं सकती." इसके डब्बे पर किंग और क्वीन की तस्वीर भी बनी है.

नीलामी में मिल सकती है बड़ी कीमत
चॉकलेट की नीलामी हैनसन्स में की जाएगी और उम्मीद है कि इसके लिए कम से कम £100 से £150 (लगभग 16 हजार रुपये) तक की कीमत प्राप्त होगी. फेयरली ने कहा ''इससे और भी अधिक कमाई हो सकती है क्योंकि कभी-कभी लोग इतिहास के टुकड़े भर के लिए उम्मीद से बहुत अधिक कीमत चुकाते हैं.
'डब्बा खोलते ही आती है खुशबू'
उन्होंने कहा "यह इस बात पर निर्भर करता है कि शाही या ऐतिहासिक चीजे कौन इकट्ठी कर रहा है. 121 साल पुरानी चॉकलेट कब की एक्सपायर हो चुकी है और खाने लायक नहीं है और न ही कोई इसे खाएगा. लेकिन जब आप इसके टिन को खोलते हैं तो बहुत प्यारी खुशबू आती है.''