मध्य प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भोपाल के नजदीक हलाली डेम को प्रमोट कर रही है लेकिन अब हलाली डेम के नाम को लेकर कंट्रोवर्सी खड़ी हो गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती ने हलाली डेम का नाम बदलने की सिफारिश स्थानीय विधायक और पर्यटन मंत्री से की है.
इस मामले में उमा भारती का यह कहना है कि हलाली डेम, हलाली नदी पर बना है जिसका मतलब है कत्ल की नदी क्योंकि एक वक्त ये नदी लोगों के खून से लाल कर दी गई थी. यह नाम विश्वासघात, धोखे और अमानवीयता की याद दिलाता है.
दरअसल, हलाली डेम जिस नदी पर बना है, उसका नाम है हलाली नदी. हलाली नदी का मतलब है कत्ल की नदी क्योंकि एक वक्त ये नदी लोगों के खून से लाल कर दी गई थी.
हलाली नदी के साथ दोस्त मुहम्मद खान का नाम जुड़ा हुआ है जिसने भोपाल का शहर बसाया था. दोस्त मुहम्मद एक अफगान था. सन् 1703 में वह मुगल सेना में भर्ती हुआ. बाद में वह मालवा यानी मध्य प्रदेश के इंदौर, देवास इलाके का नायब बना. मुगल शासक औरंगजेब की मौत के बाद वह खुद को स्थापित करने लगा. आस-पास के राजपूत राजाओं को भी अपनी ओर मिलाने लगा.
जब मुगलों के खिलाफ छोटे-छोटे राजा खड़े होने लगे और सैयद बंधु किंगमेकर बनने लगे तब वो उनके साथ हो गया. एक लड़ाई में उसने सैयद हुसैन अली खान बारहा की जान भी बचाई थी. इसके बाद जब सैयद बंधु मजबूत हुए तो इसने भी खूब फायदा उठाया. गोंड रानी कमलावती से भोपाल गांव लिया और इसे बसाने लगा. रानी के मरने के बाद उनके राज्य को भी मिला लिया.
1715 में जगदीशपुर का राजा देवरा चौहान का बड़ा नाम हुआ. जगदीशपुर के नाम से इन्होंने अपना सुरक्षित ठिकाना बनाया था. दोस्त मुहम्मद को इनसे डर था. इससे पहले कि बात बढ़े, दोस्त मोहम्मद ने देवरा चौहान को खबर भेजी कि दोस्ती कर लेते हैं. दोनों तरफ के 16-16 लोग जगदीशपुर में मिले. बेस नदी के किनारे टेंट डाला गया.
नदी के किनारे कुछ देर बाद लंच हो रहा था. अचानक दोस्त मुहम्मद बाहर निकला और बोला कि पान खा के आता हूं. पान खाना हिंट था इनके सिपाहियों को जो वहां पहले से छिपे हुए थे. कहते हैं कि बेस नदी, देवरा चौहान और उनके लोगों के खून से लाल हो गई. तभी इसका नाम पड़ा हलाली. जगदीशपुर का नाम इस्लामनगर कर दिया गया. यही इस्लाम नगर दोस्त मुहम्मद का नया ठिकाना बन गया.