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ड्रैगन फ्रूट का नाम ‘कमलम’ करने पर सियासी घमासान, वाघेला ने कहा- नाम बदलने वाले पापड़तोड़ पहलवान

गुजरात के मुख्यमंत्री रुपाणी ने ‘कमलम’नाम से ड्रैगन फ्रूट का पेटेंट रजिस्टर करवाने की बात भी कही है. बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में गुजरात के कच्छ और नवसारी के आसपास के इलाके में ड्रैगन फ्रूट का बड़ी मात्रा में उत्पादन हो रहा है. ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलने के पीछे कई दलीलें भी दी जा रही हैं.

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ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर ‘कमलम’ करने पर राजनीति तेज (फोटो-गोपी)
ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर ‘कमलम’ करने पर राजनीति तेज (फोटो-गोपी)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • CM रुपाणी ने ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर ‘कमलम’ किया
  • नाम से कोई फर्क नहीं, हमें तो इसे बेचने से मतलबः फ्रूट सेलर्स
  • नाम बदलने पर पूर्व CM शंकर सिंह वाघेला ने निशाना साधा

नाम में क्या रखा है? अगर हम गुलाब को कुछ और कहें तो भी उसकी सुगंध उतनी ही मधुर होगी... विलियम शेक्सपीयर ने कई सदी पहले ये कहा था.  

लेकिन यहां बात गुलाब की नहीं ड्रैगन फ्रूट नाम के फल की हो रही है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने ड्रैगन फ्रूट का नाम राज्य में बदलकर ‘कमलम’ करने का ऐलान क्या किया कि उनके बयान को लेकर सियासत गर्म हो गई. वहीं, अहमदाबाद में फ्रूट सेलर्स का कहना है कि फल का नाम ड्रैगन फ्रूट हो या कमलम, कोई फर्क नहीं पड़ता, उन्हें इसे बेचने से मतलब है. लोग इसकी शक्ल देखकर ही इसे खरीदते हैं.

गुजरात में ड्रैगन फ्रूट का नाम बदल दिया गया (फोटो-गोपी)
गुजरात में ड्रैगन फ्रूट का नाम बदल दिया गया (फोटो-गोपी)

मुख्यमंत्री रुपाणी ने ‘कमलम’ नाम से ड्रैगन फ्रूट का पेटेंट रजिस्टर करवाने की बात भी कही है. बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में गुजरात के कच्छ और नवसारी के आसपास के इलाके में ड्रैगन फ्रूट का बड़ी मात्रा में उत्पादन हो रहा है. ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलने में ऐसी भी दलीलें दी जा रही हैं जहां ड्रैगन नाम से चीन का जेहन में ध्यान आता है वहीं कमलम संस्कृत का शब्द है.

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नाम बदलने वाले पापड़तोड़ पहलवान: वाघेला
हालांकि ये बात और है कि गुजरात में बीजेपी के हेडक्वार्टर का नाम भी ‘कमलम’ है. ड्रैगन फ्रूट का नाम कमलम करने के मुद्दे पर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने भी निशाना साधा है. वाघेला ने एक ट्वीट में कहा- चीन के अतिक्रमण के खिलाफ फ्रूट के नाम बदलने वाले और #AppBan करने वाले पापड़ तोड़ पहलवान.

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ड्रैगन के नाम से चुटकी ली है. इस मुददे की गूंज गुजरात के बाहर महाराष्ट्र में भी सुनी गई. शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने ट्वीट में कहा, 'ड्रैगन को उसकी जगह दिखा ही दी गई. ठहरिए मेरा मतलब ड्रैगन फ्रूट से था.'  

ड्रैगन फ्रूट का नाम बदले जाने पर आजतक ने अहमदाबाद के एनआईडी इंस्टीट्यूट के बाहर एक फ्रूटसेलर से बात की तो उसने कहा, “ड्रैगन फ्रूट कहो या कमलम, हमें तो इसे बेचने से ही काम है और अगर जब भी कोई ग्राहक आते हैं तो उनमें से अधिकतर को इस फ्रूट की पहचान नहीं होती. हम ड्रैगन फ्रूट कहते हैं तो वे सीधा गूगल में जाकर सर्च कर लेते हैं कि यह फ्रूट क्या है, इसका कितना फायदा है, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है नाम जो भी रखें हम तो फ्रूट बेचेंगे.”

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मूल रूप से अमेरिकी है ये फल  
ड्रैगन नाम से ड्रैगनफ्रूट को बेशक चीन से जोड़ा जाता हो लेकिन मूल तौर पर ये फल अमेरिकी है. 19वीं शताब्दी की शुरुआत में इसे दक्षिण पूर्वी एशिया में लाया गया. यहां यह चीन और अन्य देशों में खूब पसंद किया गया. चीन में अब बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन होता है. इस फल को सलाद, जेली या फिर मुरब्बे के तौर पर भी खाया जाता है.

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